संगठन के महामंत्री सर्विलांस में , तत्कालीन सरकार के नौकरशाह नही चाहते सत्ता और संगठन में सामंजस्य

संगठन के महामंत्री सर्विलांस में , तत्कालीन सरकार के नौकरशाह नहीं चाहते सत्ता और संगठन में सामंजस्य
रायपुर : – सत्ता और संगठन में जो रस्साकसी का माहौल है उससे सत्ता और संगठन का बेड़ा गर्क हो रहा है। राज्य के सत्ता मे भाजपा काबिज होने को एक साल से अधिक हो गया पर कुछ भी ठीक नही चल रहा है । सत्ता को तत्कालीन सरकार में नौकरशाह रहे सरकारी नुमाइंदे बदनाम करने की जी तोड़ मेहनत में लगे हुए है और चाहते है कि इसका सारा ठीकरा संगठन पर फुट जाए मतलब एक तीर से दो निशाने लगाए जा रहे है । एक तरफ सत्ता कमजोर हो उधर संगठन अपनी ही खींचतान में लगा रहे और यह नौकरशाह अपनी रोटी सेकते रहे। सवाल यह है कि सत्तासीन इस बात को समझ क्यों नही पा रहे इसके कई कारण है जिसे समझने की जरूरत है ।
हाउस से ही चल रहा खेल –
यह सारा खेल हाउस से संचालित हो रहा है जहाँ एक से एक सुरमा बैठे है जो सीधे,सरल आदिवासी मुखिया को अपने हिसाब से मैनेज कर रहे है । साहब क्या देखेगे , किससे बात करेंगे , किसका कॉल उठाएंगे , किससे मिलेंगे सारा सिस्टम हाउस के कारिन्दे ही सेट कर रहे है । वास्तव में ये कथित सुरमा मुखिया की सरलता से वाकिफ है और इसी का फायदा उठाते हुए इन नौकरशाहों ने हाउस का रिमोट कंट्रोल अपने हाथों में ले रखा है और पूरे तंत्र को मनमाफिक चला रहे हैं। अब यह साहेब की सरलता कहिए या नासमझी कि सुरमाओं की करतूतों से बदनामी तो साहेब के मत्थे ही आ रही है । कल अगर जवाब-तलब होगा तो ये सुरमा पल्ला झाड़ लेंगे और ठीकरा के लिए सत्ता और संगठन है ही ।
महामंत्री सर्विलांस में
प्रदेश के संगठन महामंत्री जिसने उस दौर में कमान संभाली जब प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में काबिज थी पांच साल संगठन को जिसने तस्बीह के दाने की तरह जोड़कर रखा आज वही सबकी आंखों की किरकिरी बन गए है । तभी तो महामंत्री जी को इंटेलिजेंस ने सर्विलांस में रखा है। सूत्र बताते है कि इनके फोन कॉल , दौरा , संगठन महामंत्री किससे मिल रहे है क्या बात हो रही है सबकी रिकार्डिंग कराई जा रही है । बताते है कि इसके लिए हाउस के कुछ लोग लगे है जो इंटेलिजंस को निर्देशित कर रहे है ।
एक गुट हावी –
राज्य की सत्ता में पिछले सवा साल से एक गुट ज्यादा हावी है जो किसी राज्य विशेष से ताल्लुक रखते है । यह गुट नहीं चाहता कि राज्य के लोगो को उनका हक मिले हर जगह यह राज्य विशेष के लोगों को लाभान्वित करने में लगे हुए है । इस गुट में हर तबके के लोग संगठित है जिसमे आईएएस , आईपीएस , आईएफएस , प्रभारी , सलाहकार , सांसद , विधायक , सभी शामिल है । यह रणनीति के साथ मंसूबे में आगे बढ़ रहे है और शायद कामियाब भी हो जाये लेकिन यह सूबे के लिए अच्छा संदेश नही है ।
कई अधिकारी रडार में
ऐसा नही है कि इनकी करतूत की जानकारी संगठन में बैठे लोगों को नहीं है । संगठन को बदनाम करने की जो सुनियोजित षड्यंत्र चल रही है , इसकी जानकारी केंदीय संगठन तक पहुँच चुकी है। सूत्र बताते है कि ये सभी अधिकारी संगठन की रडार में है । संगठन की कार्यशैली भी ऐसी है कि कब धमाका कर दे यह कहना मुश्किल है । रडार में कई आईपीएस , आईएएस , आईएफएस अधिकारी है जिनका पत्ता कभी भी कट सकता है और यह मुगालते में है इनकी चल रही है जबकि संघ इन अफसरों पर नजर बनाए हुए है । जिनपर कभी भी चाबुक चल सकता है ।