भ्रष्टाचार के आकंठ तक डूबी कांग्रेस सरकार के करीबी अफसरो का खेल , सीनियर IPS अफसर के लिए बिछाए मकड़जाल में खुद अरझे कई IPS , मणिभूषण के बयान में कई चौकाने वाले खुलासे ,

भ्रष्टाचार के आकंठ तक डूबी कांग्रेस सरकार के करीबी अफसरो का खेल , सीनियर IPS अफसर के लिए बिछाए मकड़जाल में खुद अरझे कई IPS , मणिभूषण के बयान में कई चौकाने वाले खुलासे ,

चंद IPS गिरोह के कारनामो की गूंज दिल्ली तक धन्यवाद भड़ास मीडिया

रायपुर : – प्रदेश की तत्कालीन भूपेश सरकार भ्रष्टाचार के आकंठ तक डूबी हुई है जिसमे सत्ता के साथ साथ सत्ता की नुमाइंदगी करने वाले आईपीएस और आईएएस अफसर शामिल है जिन्होंने महज पांच सालों में ही छत्तीसगढ़ जैसे भोलेभाले आदिवासी बाहुल्य राज्य में काले कारनामो का वो अध्याय गढ़ा जिसकी गवाही अब केंद्रीय जांच एजेंसियों समेत आम जनता चीख चीख कर दे रही है पांच सालों में कांग्रेस के कार्यकर्ता के रूप में काम करने वाली IPS अफसरो की सिडिंकेट (गिरोह) ने राज्य के साथ साथ पूरे पुलिस महकमे को कलंकित करने का कुकृत्य किया पांच सालों इन अफसरो और सत्तासीनों ने ऐसा मकड़जाल फैलाया की अब इस मकड़जाल में खुद उलझ गए है जिससे निकलने की जद्दोजहद जारी है

अपने ही बनाये चक्रव्यूह में फंसा आईपीएस अफसरो का गिरोह : –

महाभारत का वो वाक्याश तो आपको पता होगा जिसमें अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु जिसे चकरव्यूह भेदने का हुनर तो पता था मगर इससे बाहर निकलने का रास्ता नही पता था इसी तरह प्रदेश की तत्कालीन सरकार में पांच साल IPS अफसरो ने वो चक्रव्यूह रचा कि जिसे भेदते हुए यह अफसर कांग्रेसी कार्यकर्ता बनकर आगे तो बढ़ गए अब इन्हें वापस होने का रास्ता ही नही पता खामियाजा यह अपने ही बनाये मकड़जाल में खुद फंस चुके है . इस गिरोह ने मिलकर राज्य को अंदर ही अंदर पूरा खोखला कर दिया कोयला घोटाला , शराब घोटाला , सट्टे जुए का काला बाजार इस कदर सजा की राज्य की छवि देश ही नही अपितु पूरे विश्व मे दागदार हुई इसके जवाबदार चंद आईपीएसो का गिरोह है जिस पर अब केंद्रीय जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है बता दे बीते दिनों परिवर्तन निर्देशालय ने दो अलग अलग मामलों में सेकड़ो आईपीएस आईएएस अफसर समेत तत्कालीन विधायक , तत्कालीन सरकार के मंत्रियों पर एफआईआर दर्ज की है . एफआईआर की धमक से पूरी कांग्रेस सरकार और इन अफसरो का गिरोह सकते में है अब यह अफसर वर्तमान भाजपा में अपना अस्तित्व तलाश रहे है मगर जो चकरव्यूह रचा गया है इसे भेदना जब अभिमन्यु के लिए नामुमकिन था तो यह तो खाकी लिबाज में कांग्रेसी कार्यकर्ता है .

सीनियर आईपीएस जीपी सिंह के कनिष्ठ अफसरो ने बैठाई तिकड़ी : –

सत्ता और सत्ता की चाटुकारिता में चंद आईपीएस अफसरो के गिरोह ने अपने ही सीनियर अफसर पर षणयंत्र का जालसाज रच डाला ऐसा जाल जिसमे यह अफसर खुद उलझते जा रहे है दरअसल हम बात कर रहे है 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह की जो वर्तमान में निलंबित है तत्कालीन सरकार और उनके वर्दी रूपी कार्यकर्ताओ ने मिलकर पांच साल मिशन जीपी चलाया ताकि जीपी सिंह को रास्ते से हटाया जा सके आपको बता दे जीपी सिंह ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ और बेबाक अफसर के रूप में जाने जाते है वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सीएम भूपेश बघेल और उनके करीबी अधिकारियों ने नान घोटाले में पूर्व सीएम रमन सिंह को फंसाने के लिए ईओडब्ल्यू के तत्कालीन प्रभारी जीपी सिंह पर दबाव डाला गया चूंकि जीपी सिंह बेबाक और शक्त अफसर रहे है इसलिए उन्होंने गिरफ्तारी की बात से इंकार कर दिया नतीजा जीपी सिंह के बुरे दिन शुरू हुए इतना ही नही उन्हें गिरफ्तार भी किया गया और मनगढ़ंत आरोपो का अंबार लगाया गया . कांग्रेस सरकार के वर्दी रूपी कांग्रेसी कार्यकर्ता 2005 बैच के IPS आरिफ शेख और इनके गिरोह ने कागजो में अवैध संपत्ति बताने का घृणित प्रयास किया गया अवैध संपत्ति में जिस 17 प्रोपर्टी का जिक्र किया गया है उस प्रोपर्टी में जीपी सिंह दूर दूर तक शामिल नही है . जबकिं ACB ने 17 नंबर की जिस प्रोपर्टी का जिक्र किया है वह 1983 की खरीदी बताई जा रही है जिस टाइम जीपी सिंह कक्षा 9th में रहे होंगे ACB के अनुसार 1983 में ली गई प्रॉपर्टी भी जीपी सिंह के अनुपातहीन संपत्ति का हिस्सा है इन तथ्यों से तो यही प्रमाणित होता है यह सभी कागजी दस्तावेज षणयंत्र और जालसाजी करके सीनियर अफसर को धरासाई करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से बनाया गया ताकि यह कांग्रेसी अफसर अपना भूपेश बघेल के सामने अपना नंबर बढ़ा सकें .

मणिभूषण के बयान में हुआ सारा खुलासा : –

यह अफसर भूपेश सरकार में इतने आतंकित थे कि किसी भी हद तक जाने को तैयार थे जिसकी बानगी यह है कि एक स्टेट बैंक के अधिकारी को जबरजस्ती इसका मोहरा बनाया गया और बताया गया कि यह जीपी सिंह के संपत्तियों का सारा लेखा जोखा यही संभालते है जबकि मणिभूषण का उक्त मामले से दूर दूर तक का वास्ता नही है जिसकी वस्तिस्तिथि मणिभूषण के न्यायालय में दिए बयान से स्पष्ट होती है दरअसल जुलाई 2023 में ACB डीआईजी आरिफ शेख , ACB में पदस्थ रहे सपन चौधरी पर धमकाने , मारपीट और शारीरिक और मानसिक प्रताणना का आरोप लगाया है पूरे घटनाक्रम में किस तरह एक बैंक अधिकारी की स्कूटी में सोना प्लांट किया गया और और उनपर थर्ड डिग्री के साथ साथ पास्को एक्ट के तहत जेल भेजने की धमकी दी गई कहा कि उक्त प्लांट सोना जीपी सिंह का है कहो और हमारे गिरोह के हिस्सेदार बन जाओ तब ही जिंदा रह पाओगे इस तरह की धमकियों के बाउजूद मणिभूषण टस से मस नही हुए चूंकि जिस जगह और स्कूटी में सोना प्लांट किया गया वह सारी घटना सीसीटीवी में कैद हो चुकी थी जब इसकी भनक आरिफ शेख और गिरोह को हुई तब सपन चौधरी ने मिलकर डीवीआर को नष्ट करने का और सबूत मिटाने का घृणित प्रयास किया हालांकि मणिभूषण के न्यायालय में दिये सारे बयान से यह तो स्पष्ट हो गया कि किस तरह एक सीनियर अधिकारी को फंसाने के लिए उनके ही कनिष्ठ अफसरो ने इतना बड़ा जाल बिछा दिया

पढ़िए मणिभूषण का न्यायलय के समक्ष दिया बयान – प्रतिपरीक्षण

अब सूबे में सत्ता में बदल गई है सत्तापरिवर्तन से कांग्रेसी IPS अफसर सदमे में है चूंकि इन अफसरो ने पांच साल वर्दी और अपने ईमान को भूपेश सरकार के कदमो में समर्पित कर दिया था अब इन अफसरो की काली करतुते खुलकर सामने आने लगी है लिहाजा यह खुद भी नजरे चुराते भागते फिर रहे है केंद्रीय जांच एजेंसिया लगातार इन अफसरो पर शिकंजा कसती जा रही है वही बीते दिनों गृह मंत्री विजय शर्मा पुलिस की कार्यशाला में कटाक्ष करते हुए संकेत दे दिया कि नए कानून सहिंता लागू होने से पारदर्शिता आएगी पहले की तरह अब कोई स्कूटी में दो किलो सोना प्लांट नहीं कर पायेगा यह कटाक्ष उन अफसरो के लिए था जिन्होंने IPS जैसे पद को कलंकित करते हुए सत्ता के गुलाम हो गए और एक कार्यकर्ता के रूप में कार्य किये . इसके बाद से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है गृह मंत्री का यह सख्त लहजा बताता है कि गृह मंत्री विजय शर्मा कानून न्याय व्यवस्था के लिए कितने प्रतिबद्ध है इस प्रतिबद्धता और सिंडिकेट IPS गिरोह को खुली चेतावनी से यह तो साफ है कि अब राज्य में बेहतर पुलिसिंग और न्यायोचित फैसले लिए जाएंगे .

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