किस्से सियासत के कुछ कही अनसुनी बातें

किस्से सियासत के कुछ कही अनसुनी बातें
सियासत और प्रशासनिक गलियारों के कुछ किस्से ऐसे होते है जो बहुत कोशिशो के बाद भी सामने आ ही जाते है। ऐसा ही एक मामला महादेव बेटिंग एप्प से जुड़े सटोरी की प्राइवेट पार्टी की वीडियो वायरल होने के बाद आया, इस सटोरियो की पार्टी में एडिशनल एसपी , थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर अपनी लाल बत्ती के साथ लाव लश्कर से पहुँचे थे। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वाइरल हुआ इसके बाद पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया , जिस सटोरी की पार्टी में यह पुलिस के अधिकारी ठुमके और जाम छलका रहे थे , वह सटोरी पुलिस के रिकार्ड में दो साल से फरार बताया जा रहा था। जबकिं वह लंबे समय से इन्ही पुलिस वालों के संरक्षण में सट्टे जुए का करोबार चला रहा था और पुलिस के अधिकारी इन सटोरियों के साथ सेल्फी फ़ोटो खिंचाने में मशगूल थे। हमने जब उस सटोरी की इंस्ट्राग्राम प्रोफ़ाइल खंखाली तो कई चौकाने और हैरत करने वाली तस्वीर सामने आई , जिससे यह स्पष्ट हो गया कि पुलिस के ही साहेबान उक्त सटोरी को कागजो में फरार दिखाकर सटोरी और सटोरियों के धंधे को पनाह दे रहे थे। जिससे इन पुलिस के साहेबानो को मोटी रकम प्रोटेक्शन के तौर पर दी जा रही थी। इसी प्रोटेक्शन मनी के मामले में बीते दिनो सीबीआई ने सूबे के तात्कालिक मुखिया समेत कई आईपीएस अफसरों के ठिकानों पर दबिश दी थी , मगर इन पुलिस के अफसरों के हौसले तो देखिए इन्हें न तो शासन का डर है न ही जांच एजेंसियों का , बहरहाल मामले में कार्रवाही करते हुए टीआई और सब इंस्पेक्टर को मुख्यालय अटैच कर दिया गया है और एडिशनल एसपी पर कार्रवाही के लिए राज्य शासन को नोटसीट जारी कर दिया गया है। पुलिस की शाख को मिट्टी में मिलाने और सटोरियों के संरक्षक बने इन अफसरों यह कार्रवाही महज खानापूर्ति जैसा ही है।
सीबीआई की रेड , कई कार्रवाहिया लेकिन पुलिस महकमा बेखौफ –
तत्कालीन सरकार में शुरू हुआ यह महादेव सट्टा घोटाला जिसकी जांच की जद में तत्कालीन मुखिया समेत कई आईपीएस अधिकारी है। जिनके ठिकानों पर सीबीआई जांच और रेड की कार्रवाही कर रही है मगर इसके बाद भी पुलिस महकमे के कानों के जु तक नही रेंग रहा है , यह पुलिस के अधिकारी बेखौफ होकर सटोरी ही नही सट्टे को भी संरक्षण दे रहे है आखिर क्या वजह होगी कि इन अधिकारियों को किसी का डर नही है जो खुलेआम बेखौफ होकर सटोरियों के साथ फोटो खींचा जाम छलका रहे है ? क्या इन अफसरों को कही से संरक्षण मिला है या सटोरियों से संरक्षण की इतनी बड़ी रकम मिल रही है सारा ईमान नियत सब खराब हो गया है।इन अधिकारियों से सीबीआई को भी पूछताछ करनी चाहिए यह मामला इतना बड़ा है कि इसके तार समुंदर पार से जुड़े हुए है।
शुक्ला ब्रदर्स –
पुलिस महकमे में एक शुक्ला ब्रदर्स है जो इन दिनों सुर्खियों में है। इसमे एक पुलिस के साहेबान है दूसरा इनका मैनेजर जो सारा काला पीला संभालने का काम करता है। बताते है कि साहेबान किसी भी जिले में जाते है तो वह अकेले नही दोनों ब्रदर्स की जोड़ी साथ पहुँचती है। इस जोड़ी ने सट्टा , जुआ , कोयला सब काले कारनामो में हाथ रंगे हुए है। जब इस बात की भनक सरकार को हुई तो उन्होंने इस साहेबान को लूपलाइन में डाल दिया मगर भनक कैसे लगी सुनकर आप भी हैरत में आ जाएंगे। शुक्ला ब्रदर्स के साहेबान ने अभी मैनेजर ब्रदर को कोयले के काम में उतार दिया है। जो काले कोयले में हीरे की तरह दिन दूना रात चौगुना निखर रहे है।
खानसामे ने खोले कई राज –
आगे का किस्सा सुनिए शुक्ला ब्रदर्स के साहेबान ने अपने विश्वासपात्र लोगो को घर पर काम मे लगाया हुआ था। जुए सट्टे और सटोरियों से जो भी चढ़ोत्तरी आती तो उनकी हमसफर उस चढ़ोत्तरी को ठिकाने लगा देती थी। एक दिन हुआ यु की साहेब की पत्नी किसी काम मे थी उन्होंने खानसामे को कहा कि यह लिफाफा जाकर कबर्ड में रख देना जैसे ही वह खानसामा लिफाफे को कबर्ड में रखने गया तो उसके तो होश ही उड़ गए पूरा कबर्ड नोटों के बंडलों से भरा हुआ था। उसकी आँखों में चमक भी आई और नोटो के जखीरे को देखकर नियत भी डोल गई। खानसामे ने नोटो के पहाड़ से पांच लाख रुपये गायब कर दिए जब इस बात की भनक नही हुई तो खानसामे ने फिर एक बार कोशिस कर 200 वाले बंडल से पांच लाख और पार कर दिए। कुछ दिन बाद जब साहेब ने गिनती की तो पता चला इसमे 10 लाख कम है। पत्नी से पूछा तो बताया कि 200 के बंडल तो खानसामे को दिया था रखने को वही गायब है। साहेब की आंखे लाल साहेब ने अपने कनिष्ठ अधिकारियो से इस खानसामे को जमकर पिटवाया। खानसामा ने सारा राज सबके सामने उगल दिया कि साहेब नोटों का पहाड़ देखकर मेरी नियत डोल गई थी। अब पुलिस के अधिकारी है जिनके पेट मे बात पचती नही सो गया इस बात का हल्ला , बताते है कि उस खानसामे से ख़ुफ़िया तंत्र से भी पूछताछ की उसने वहां भी सारा कुछ उगल दिया। बताते है कि साहेब ने रातोरात ब्रदर्स को एक्टिव कर टीआई को बुलाया जिसने नोट गिनने की मशीन साथ लेकर पहुँचे और नोटों की गिनती शुरू हुई। बताते है कि नोटो के पहाड़ में 24 करोड़ थे। जिसे समय रहते ठिकाने लगा दिया गया। अब बेचारा वह टीआई इतनी बड़ी रकम देखकर पागल हो गया उसने भी जगह-जगह इस बात को उड़ेल दिया। इस बात की भनक पुलिस महकमे से लेकर सियासी गलियारों में तैरने लगी सरकार ने भी तत्काल प्रभाव से साहेब को लूपलाइन भेज दिया। लेकिन सवाल कई खड़े हो गए।
एक जिला है जो कभी अपने शिक्षा , स्वास्थ , इंड्रस्ट्री के लिए जाना जाता था आज वह जुए सट्टे की जद में डूबकर एक नया इतिहास लिख रहा है। पुलिस के साहेबानो को समझना चाहिए कि यह शिक्षा का केंद्र है जहाँ राज्य ही नही अन्य राज्यो से भी लोग शिक्षा ग्रहण करने आते है आज उन युवाओ का भविष्य अंधकार में जा रहा है। पुलिस के आला अफसर जिनकीं जवाबदेही है कि कानून व्यवस्था बनाए और सट्टे जुए की गतिविधियों पर रोक लगाए वही साहेब लोग जब प्रोटेक्शन मनी लेकर इन सटोरियों को संरक्षण देने लगेंगे तो अंदाजा लगाइए की युवाओ का भविष्य कहा जायेगा।
पुलिस के साहेबानो की हरकतें देखकर राहत इंदौरी साहब की वो कविता याद आती है लगेगी आग तो आएंगे कई जद में यहाँ सिर्फ हमारा मका थोड़ी है।