कही अनसुनी बातें चार आईएएस दोस्त पूरी ब्यूरोक्रेट्स पर भारी ,

कही अनसुनी बातें
चार आईएएस दोस्त पूरी ब्यूरोक्रेट्स पर भारी
सियासत – कही अनसुनी बातों में आज हम उन चार आईएएस दोस्तो की कहानी बताने जा रहे है जिसकी चर्चाए इन दिनों सियासी गलियारे से होते हुए चौक चौराहों की चर्चा बन चुकी है। कहा जाता है कि यह चार आईएएस मिलकर सुशासन की सरकार और मोदी की गारंटी को मटियामेट करने में लगे हुए है। इसकी वजह बताई जाती है कि यह सत्ता सरकार और ब्यूरोक्रेसी को अपनी उंगलियों में नचाना चाहते है।
बीते दिनों इसका उदाहरण भी सुनाई दिया कि एक सीनियर आईएएस को कुर्सी न मिले इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से राजधानी की एक लक्जरी पॉश कॉलोनी में इन चारों आईएएस की बैठक होती है। बैठक का उद्देश्य यह था कि किस तरह उस सीनियर आईएएस को रोका जाए ताकि इन चार आईएएस के इस सिंडिकेट का कोई रोड़ा न बने। प्लान यह बनाया कि इनकी पूरी सर्विस लाइफ की जीवन कुंडली समेत इनकी फाइल को बारीकी से अध्ययन किया जाए। कही कुछ कमी बेसी हो तो जांच कराई जाए। और आईएएस की कुर्सी के सारे रास्ते बंद कर दिए जाएं। मगर इससे पहले ही इनकी सिंडिकेट की बैठक और चर्चाए महंगी कॉलोनी से होते हुए चौक चौराहे तक पहुँच गई। अब यह एक दूसरे की बगले झांकते नजर आ रहे है।
सरकार में जिस तरह अस्थिरता का माहौल बना हुआ है उससे संगठन और सियासी समझ रखने वाले भी हैरान परेशान है। कहा जाता है कि सरकार के नीति निर्धारक बने यह चारो आईएएस ब्यूरोक्रेसी के 170 काडर पर हावी है। जिनकीं हरकतों को देखते हुए विपक्षी दल चटकारे ले रहा है। जब सत्ता के भीतरखाने में ही इतना विरोधाभास है तो उनका खुश होना लाजमी है। अगर इसी तरह चलता रहा तो 14 से 54 का सफर करने वाली सरकार को 14 में आने में समय नही लगेगा।