तिलक जयंती पर 23 को महाराष्ट्र मंडल में विदेशी कलाकारों का गायन, नृत्य कार्यक्रम

00 संगीतमय आयोजन में भिलाई की सुप्रसिद्ध सुगम संगीत गायिका साधना राहटगांवकर को भी मिलेगा सुनने का अवसर
रायपुर। महाराष्ट्र मंडल के संत ज्ञानेश्वर सभागृह में 23 जुलाई को शाम 6 बजे से भारतीय मूल के त्रिनिदाद और टोबैगो के कलाकारों राणा मोहिप और उनकी पत्नी सुसान मोहिप का गीत- संगीत व नृत्य का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में भिलाई निवासी साधना राहटगांवकर की सुगम संगीत व भजन गायकी का लुत्फ भी संगीतप्रेमी दर्शक ले सकेंगे।
कार्यक्रम की संयोजिका सांस्कृतिक समिति की प्रभारी प्रिया बक्षी और भिलाई की साधना राहटगांवकर ने अंतरराज्यीय कलाकारों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि त्रिनिदाद और टोबैगो में जन्मे और पले-बढ़े संगीतकार, शिक्षक, संगीत रचयिता और सांस्कृतिक दूत राणा मोहिप के भारतीय शास्त्रीय संगीत में अमूल्य योगदान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। उनका संगीतमय सफर नौ वर्ष की आयु में प्रारंभ हुआ, जब उन्होंने हार्मोनियम बजाना और भजन गाना शुरू किया।
साधना के अनुसार त्रिनिदाद और टोबैगो ने जन्मी अंतरराष्ट्रीय नृत्यांगना सुसान मोहिप ने स्व. प्रदीप शंकर के सानि?ध्य में कथक की प्रारंभिक शिक्षा ली। साल 1989 में उन्हें कथक केंद्र, नई दिल्ली में कथक में डिप्लोमा डिग्री प्रथम श्रेणी में और वर्ष 1994 में पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री भी प्रथम श्रेणी में पूर्ण की। इस दौरान उन्होंने विभिन्न लोकनृत्य भी सीखे और उनमें प्रशिक्षण प्राप्त किया। सुसान ने गांधर्व महाविद्यालय से हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन में तीन वर्षीय कोर्स और दो वर्ष तक तबले का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। वे सुप्रसिद्ध नृत्य गुरु बिरजू महाराज के कोरियोग्राफ किए अनेक समूह नृत्य के कार्यक्रम भारत, कनाडा, सूरीनाम, गुयाना जैसे अनेक देशों में प्रस्तुत कर चुकीं हैं।

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