खुलासा : – IPS आनंद छाबड़ा की कमान में राज्य इंटेलिजेंस ने कांग्रेस के पक्ष में कराए कई सर्वे ,
ईडी/आईटी केंद्रीय टीम को रोकने के लिए छाबड़ा ने झोंक दी ताकत , ईडी की कार्यवाही में ड्रोन से छाबड़ा की निगरानी , चंद्रभूषण वर्मा के माध्यम से छाबड़ा करते थे डील ,

खुलासा : – IPS आनंद छाबड़ा की कमान में राज्य इंटेलिजेंस ने कांग्रेस के पक्ष में कराए कई सर्वे ,
ईडी/आईटी केंद्रीय टीम को रोकने के लिए छाबड़ा ने झोंक दी ताकत , ईडी की कार्यवाही में ड्रोन से छाबड़ा की निगरानी , चंद्रभूषण वर्मा के माध्यम से छाबड़ा करते थे डील ,

पढ़िए IPS अफसरों के कारनामे

रायपुर : – भा.पु.से. पहली बार जब इस शब्द को सुना जाना था तब इस पद के लिए मन काफी गौरवान्वित महसूस किया था घर के बड़े बुजुर्ग भी कहते थे बेटा IPS अफसर बनेगा यह सुनकर ही मन काफी प्रफुल्लित हो उठता था मगर बीते पांच सालों की भूपेश सरकार में कुछ चंद IPS अफसरों ने भा.पु.से. जैसे पद को जिस तरह से तार-तार किया कि जो शब्द पहले कर्णप्रिय लगते थे वह कर्कश महसूस होने लगे आखिर क्या कारण रहे होंगे कि एक IPS जैसा शक्तिशाली पद चंद शासन के नुमाइंदों के आगे नतमस्तक हो जाता है और सारे नियम कायदों को ताक में रखकर स्लीपर सेल बनकर दीमक की तरह अपने पद प्रतिष्ठा ही नही पूरे राज्य को खोखला करने का प्रयास करता है

दरअसल यह आरोप हम नही लगा रहे है बीते वर्ष में हुई परिवर्तन निर्देशालय (ईडी) की हुई कार्यवाहियों पर गौर करे तो यह स्पष्ट है कि किस तरह पूर्ववर्ती सरकार में IPS अधिकारियों ने राजनीतिक तथा वित्त प्रबंधन के उद्देश्य से कोयला की लेवी , शराब घोटाला समेत राज्य के युवाओं का भविष्य को गर्त में डालते हुए महादेव गेमिंग एप्प के माध्यम से घोटाले को अंजाम दिया चूंकि बिना अफसरों की संलिप्तता के इतने बड़े-बडे घोटाले संभव ही नही थे उक्त घोटालों के मास्टरमांइड IPS आनंद छाबड़ा , विवेक ढांड , अनिल टुटेजा , आरिफ शेख राज्य की सबसे शक्तिशाली महिला सौम्या चौरसिया जो वर्तमान में जेल की सलाखों के पीछे है इन्होंने सिंडिकेट बनाकर घोटालों को अंजाम दिया
ईडी की चार्जसीट में स्पष्ट लेख लिखा गया कि छत्तीसगढ़ पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक चंद्रभूषण वर्मा के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों को 81 करोड़ की राशि दी गई यह राशि की रकम IPS आनंद छाबड़ा तक भी पहुँचाई गई साथ ही महादेव गेमिंग एप्प मामले में इन्हें ईडी द्वारा समंस भी जारी किये गए है .

IPS आनंद छाबड़ा की कमान में राज्य इंटेलिजेंस ने कांग्रेस के पक्ष में कराए कई सर्वे : –

इंटेलिजेंस जिसका कार्य माओवादियों , राष्ट्र विरोधी गतिविधियों , नक्सली मूवमेंट , वीआईपी सुरक्षा और मुखबिर के जरिये सूचना नेटवर्क गुप्तसूचनाओ को ग्रह मंत्रालय तक पहुँचाना होता है मगर IPS छाबड़ा ने सारे नियम कायदों को ताक में रखकर छत्तीसगढ़ इंटेलिजेंस को कांग्रेस के पक्ष में सर्वे कराने में लगा दिया यह सर्वे अहस्ताक्षरित होता था ताकि भविष्य में इंटेलिजेंस की पोल न खुले मगर सूत्रों के हवाले से हमे यह अहस्ताक्षरित सर्वे चेक रिपोर्ट हाथ लगी :-

पहले देखिए इंटेलिजेंस की सर्वे चेक रिपोर्ट

इन सर्वे चेक रिपोर्ट में प्रत्येक राजनीतिक दलों की स्थितियों की समीक्षा प्रतिदिन करवाई जाती थी . भाजपा के जितने भी कद्दावर नेता है उनकी फाइले बनाई जाती थी जिसके जरिये भाजपा नेताओं को ब्लैकमेल किया जाता था भाजपा कद्दावर नेताओ के खिलाफ जानकारी इकट्ठा करने के लिए मैदानी इकाइयों को यही अहस्ताक्षरित चेक लिस्ट भेजवाई जाती थी और सारी जानकारियां मेल के माध्यम से आती थी मैदानी क्षेत्रों में अगर कोई इसकी खिलाफत करता तो बस्तर भेजने की धमकी दी जाती और फिर भी बात न बनने में तत्काल उस कर्मचारी का तबादला करा दिया जाता था इतना ही नही सीक्रेट सर्विस के लिए मिलने वाले फंड का भी जमकर दुरुपयोग किया गया जो फंड सीक्रेट सर्विस का है उस फंड को पूर्ववर्ती सरकार के राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए इस्तेमाल किया गया जिसकी जांच कराए जाने की जरूरत है .

IPS आनंद छाबड़ा के चेक सर्वे में के माथे रह गए भूपेश , जनता ने दिया चौकाने वाला जनाधार : –

भूपेश बघेल अपने इन भ्रष्ट अफसरों पर इस कदर निर्भर हो गए के उन्होंने इस बात को नही सोचा जो अपने पद प्रतिष्ठा के लिए ही ईमानदार नही है वह किसी सत्ता दल के लिए कैसे ईमानदार होंगे कांग्रेस संघटन लगातार इस बात पर ध्यानाकर्षण कराती रही कि विधायको का रिपोर्ट सही नही है जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार अपने चरम पर है लोगो मे खासा नाराजगी है मगर संघटन की बातों को दरकिनार कर दिया गया चूंकि भूपेश की आंखों में इन भ्रष्ट अफसरों की पट्टी चढ़ी हुई थी भूपेश संघटन से ज्यादा IPS आनंद छाबड़ा , शेख आरिफ , अभिषेक माहेश्वरी गैंग के सर्वे पर निर्भर रहे चूंकि आनंद छाबड़ा के इंटेलिजेंस द्वारा भूपेश सरकार को 55 से 65 सीटों बताई जा रही थी जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही थी इस तरह चंद भ्रष्ट अफसरों की सिंडीकेट ने सर्वे के नाम पर भी करोड़ो के घोटाले को अंजाम दिया है .

सर्वे के इस प्रारूप को देखिए

केंद्रीय जाँच टीमो को गुमराह करने के लिए तरह तरह के अपनाए गए हतकंडे , जांच बाधित करने का पूरा हुआ प्रयास : –

आईजी (इंटेलिजेंस ) और आईजी रायपुर रेंज अपनी क्षमताओं का दुरुपयोग कर ईडी/आईटी केंद्रीय टीमो को रोकने के लिए तामाम तरह के हतकंडे अपनाए गए आनंद छाबड़ा द्वारा हवाई अड्डा , रेलवे स्टेशन पर केंद्रीय टीमो की निगरानी के लिए बल तैनात किया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि ईडी/आईटी की केंद्रीय टीमो को बिना पूर्व सूचना के राज्य में प्रवेश रोकने के लिए राज्यो की सीमाओं पर नाकेबंदी लगाकर कड़ी निगरानी लगाई गई .

इसकी तस्दीक ईडी ने खुद भी की जब शराब व्यापारी पप्पू ढिल्लो के यहाँ ईडी अपनी कार्यवाही कर रही थी तो IPS आनंद छाबड़ा द्वारा ड्रोन कैमरे से ईडी पर ही निगरानी रखने लगे थे जैसे ही इसकी जानकारी हुई ईडी ने तत्काल इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी .

IPS जैसा गौरवान्वित करने वाले इस पद को जब पदस्थ लोग ही दागदार करने लगेंगे तो आखिर आने वाली पीढियां कैसे IPS जैसे गरिमामयी पद का सम्मान कर पायेगी बाहर से आये यह अफसर जिन्हें न राज्य से मतलब है न ही राज्य की जनता से इसलिए खुलेआम इन अफसरों ने सिंडिकेट बनाकर राज्य की भोली जनता ही नही छत्तीसगढ़ महतारी की अस्मिता से भी खिलवाड़ किया है

अब जब सरकार सत्ता बदल गई है तब यह कयास लगाए जा रहे है कि ऐसे भ्रष्ट अफसरों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी हालांकि यह अफसर अब भाजपा के दफ्तर में माथा टेकने पहुँच रहे है अगर भाजपा भी छत्तीसगढ़ की अस्मिता और भोली भाली जनता को लूटने वाले अफसरों को पनाह देती है पांच साल बाद यह अफसर भाजपा का भी वही हाल करेगे जो कांग्रेस का हुआ

इन अफसरों की लंबे काली करतूतों को कई भागों में हमने बांटा है अगली कड़ी में और भी बहुत से खुलासे होंगे

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