पूज्य स्वामी परमार्थदेव जी महाराज का छत्तीसगढ़ प्रवास योग, साधना और सेवा का संदेश

पूज्य स्वामी परमार्थदेव जी महाराज का छत्तीसगढ़ प्रवास योग, साधना और सेवा का संदेश

कवर्धा / मुंगेली / बेमेतरा : – हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ के मुख्य केंद्र प्रभारी पूज्य स्वामी परमार्थदेव जी महाराज का छत्तीसगढ़ प्रवास 9 से 12 नवम्बर तक रहेगा। अपने प्रवास के दौरान स्वामी जी कवर्धा, मुंगेली और बेमेतरा जिलों में योग, साधना और सेवा भावना का संदेश देते हुए जन-जागरण का संकल्प जगाएंगे।

स्वामी परमार्थदेव जी ने कहा कि योग केवल आसन नहीं, आत्मा और समाज के बीच का सेतु है। सेवा, संयम और साधना से ही व्यक्ति अपने जीवन को संतुलित और सार्थक बना सकता है। उनका यह प्रवास न केवल योग साधकों के लिए प्रेरणादायक होगा, बल्कि समाज में सद्भाव, अनुशासन और आत्मिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।

पतंजलि योगपीठ की परंपरा के अनुरूप, स्वामी जी प्रत्येक प्रवास स्थल पर योग सत्र, साधक संवाद और भजन संध्या के माध्यम से लोगों को स्वस्थ जीवन और नैतिक चेतना की दिशा में प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि आज का मनुष्य बाहरी प्रगति में तेज़ है, पर भीतर से असंतुलित योग उस असंतुलन को मिटाने की सबसे बड़ी साधना है।

इस प्रवास का आयोजन पतंजलि योग समिति एवं भारत स्वाभिमान (ट्रस्ट), छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों में हजारों योग साधक और कार्यकर्ता स्वामी जी के आगमन को लेकर उत्साहित हैं।

प्रवासी योग साधकों का कहना है –
“जहां स्वामी परमार्थदेव जी जाते हैं, वहां वातावरण में शांति, सेवा और स्नेह का स्पंदन फैल जाता है।

स्वामी जी का यह प्रवास छत्तीसगढ़ की धरती पर योग, संस्कार और आत्मिक चेतना के पुनर्जागरण का प्रतीक बनकर उभरेगा।

 

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