जेल में अवैध वसूली करने गए अफसर की हवालाती ने की कुटाई , बिना अनुमति इसलिए कार्रवाही नही
जेल में अवैध वसूली करने गए अफसर की हवालाती ने की कुटाई , मामले को दबाने में जुटा शासन- प्रशासन
प्रदेश में इन दिनों केंद्रीय जेल भी असुरक्षित है यहाँ से आये दिन मारपीट और वसूली की खबरें आती रहती है यह आम बात है। लेकिन सोमवार को प्रदेश के एक बड़े केंद्रीय जेल में जो कुछ हुआ उससे शासन और प्रशासन कठघरे में खड़ी हो गई है। सूत्रों के अनुसार पुलिस महकमे के एक वरिष्ठ अफसर सेंट्रल जेल में बंद एक हाई प्रोफाइल मामले में हवालाती पर दबाव बनाकर मोटी रकम वसूलना चाहता था। इस दौरान उत्तेजित हवालाती ने अफसर पर हाथ छोड़ दिया और छह-सात झापड़ जड़ दिए। मामले की पुख्ता तस्दीक नही हो पा रही है क्योंकि जेल में गए अफसर के पास किसी भी प्रकार की अनुमति नही थी
क्या है पूरा मामला
पूर्ववर्ती सरकार में हुए एक बड़े घोटाले के मामले में कई अफसर और कारोबारी जेल की सलाखों के पीछे है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पुलिस महकमे का एक बड़ा अफसर 9 सितंबर सोमवार को लगभग 11 बजे बिना अनुमति केंद्रीय जेल में दाखिल हुआ और एक हाई प्रोफाइल हवालाती से मोटी रकम वसूलने के गरज से धमकाने-चमकाने लगा। हवालाती पर दबाव बढ़ाने की नियत से अफसर ने उसकी पत्नी को पूछताछ के लिए उठा लाने की धमकी दी। अफसर के इस बात से कैदी बिफर पड़ा और अफसर को छह-सात झापड़ जड़ दिए।
सूत्र बताते है कि जेल के अधिकारी और कर्मचारियों की मदद से आला अफसर जैसे-तैसे जेल से बाहर निकला। इस पूरे घटनाक्रम में अफसर पूरी तरह बैकफुट पर है क्योकि खुद ही सारे नियमों को धता बताते हुए बिना किसी अनुमति के जेल में दाखिल हुआ था।
हल्ला उड़ा तो अफसर के हाथ-पांव फूले : –
सूत्र बताते है कि यह आला अफसर वसूलीबाज के नाम से प्रसिद्ध है। अब तो वह जेल में बंद कैदियों हवालातियों को भी बिना अनुमति धमकाने-चमकाने लगा है। प्रदेश में लगातार बड़ रहे अपराध पुलिस की कार्यशैली और लॉ&ऑर्डर पर सवाल खड़े कर रहे हैं। आला अफसर की यह करतूत बताती है कि पुलिस महकमा किस तरह भ्रष्टाचार के आंकठ तक डुबा हुआ है। इसी तरह के कुछ चंद अफसरों की कारस्तानी की वजह से साय सरकार के सुशासन का सत्यानाश हो रहा है। आला अफसर की सेंट्रल जेल में पिटाई की खबर जब बाहर निकलकर आई तो अफसर के हाथ-पांव फूल गए और समझ गए कि अगर पिटाई की बात सार्वजनिक हुई तो शासन-प्रशासन की किरकिरी होगी ही और उस पर भी गाज गिर सकती है लिहाजा इस अफसर ने चुप्पी साध ली है।
सवाल यह उठता है कि केंद्रीय जेल में हो रही मारपीट , झगड़ा , अवैध मादक पदार्थो की तस्करी के साथ-साथ ऐसे अफसरों की हरकते सामने आते रहती है मगर जेल प्रशासन इन सब मामलों में चुप्पी साध लेता है और कुछ समय बीत जाने के बाद पुनः इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति हो जाती है।