पुलिस अफसर ने सरकार के संरक्षण में खेला काला खेल, पांच सालों मे भ्रष्टाचार से बनाई अरबों की संपत्ति , छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यो में फैला है कारोबार , एमटी शाखा का ASI संभालता है पूरा लेनदेंन ,

पुलिस अफसर ने सरकार के संरक्षण में खेला काला खेल, पांच सालों मे भ्रष्टाचार से बनाई अरबों की संपत्ति

छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यो में फैला है कारोबार , एमटी शाखा का ASI संभालता है पूरा लेनदेंन

छत्तीसगढ़ : – बेहिसाब संपत्ति कमाई में नौकरशाहों ने राजनेताओ को भी पीछे छोड़ दिया है इसकी बानगी पिछली भूपेश सरकार में देखने को मिली कि कैसे नौकरशाहों ने भ्रष्टाचार करके राज्य को खोखला किया है . नतीजा यह निकला कि कुछ नौकरशाह जेल की सलाखों के पीछे है और कुछ वेटिंग लिस्ट में है . पुलिस महकमे में भी एक ऐसा अफसर है जिसने अपनी 18 साल की नौकरी में काला धन कमाकर कुबेर बन गया .  इस अफसर का काला कारोबार छत्तीसगढ़ ही नही अन्य राज्यो में फैला हुआ है . कई जिलो में एसपी रहे इस अधिकारी के कारनामो के अनेको किस्से चर्चित है । सूत्र तो यह भी बताते है कि पुलिस महकमे में बैठकर आज भी यह अफसर वर्तमान सरकार की गोपनीय और कॉन्फिडेंसियल चीजो को पिछली सरकार के मुखिया तक पहुँचाने का कार्य के साथ सरकार की मुखबिरी करता है .

ईओडब्लयू और एसीबी के सर्वे सर्वा रह चुका है यह अफसर : –

पिछली सरकार में इस अफसर को EOW और एसीबी की जिम्मेदारी सौपी गई थी जिसका काम था भ्रष्टाचार रोकना लेकिन इस अफसर ने भ्रष्टाचार का खेल इस कदर खेला कि काली कमाई से कुबेर बन गया. ACB&EOW के जब ये सर्वे सर्वा थे तब इनके पास सारे भ्रष्ट अफसरों के काले चिट्ठे थे इसका नाजायज फायदा उठाते हुए इस अफसर ने भ्रष्ट अधिकारियों को सलाखें के पीछे भेजने का भय दिखाकर उनके काले खजाने की बड़ी राशि ले उड़ा . तत्कालीन सरकार के संरक्षण प्राप्त होने के बाद इस अफसर ने तरह-तरह के अत्याचार , प्रताड़ना , पद का दुरुपयोग , फर्जी मामलो को कायम किया यह दृष्टांत सर्वविदित है . विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा ने अपना आरोप पत्र जारी किया जिसमे इस अफसर की फोटो सहित इनके कारगुजारियों को जगजाहिर किया था . जिसका नतीजा यह निकला कि पिछली भ्रष्ट सरकार और उनके नौकरशाहों को जनता ने सिरे से खारिज कर दिया और बता दिया कि शांति प्रिय इस राज्य में भ्रष्टाचार अपना पैर नही पसार पायेगा .

राजधानी का मोह : –

वैसे तो प्रदेश में सत्ता बदलने साथ ही इस अफसर को प्रमुख पदों से हटाकर अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया है मगर इस अफसर से राजधानी का मोह नही छूट रहा है . यह राजधानी में ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे है सवाल यह उठता है आखिर इन भ्रष्ट अफसरों को किसका संरक्षण प्राप्त है . सूत्र बताते है कि इस अफसर को CM हाउस में पदस्थ एक पुलिस अफसर के द्वारा पूरा संरक्षण मिला हुआ है जिसकी बदौलत यह अफसर आज भी अपनी तूती चला रहा है . सूत्र तो यह भी बताते है कि एक संवैधानिक पद में बैठे व्यक्ति के बेटे के साथ भी इनकी बैठकी लगती है हालांकि यह इस अफसर की पुरानी आदत है जो पहुँच के लिए उच्चाधिकारी हो या पहुँच वाले हो उनके बेटों को टारगेट करता है और बेटे के जरिये उनके पिता तक का रास्ता तय करता है जिसका खुलासा इनकी ही मिली व्हाट्सअप चैट में हो चुका है .

कहा कहा है संपत्ति और कौन संभालता है पूरा लेनदेन : –

मिली जानकारी अनुसार इस अधिकारी की बेतहासा संपत्ति सिर्फ एक राज्य तक ही सीमित नही है छत्तीसगढ़ , महाराष्ट्र , दिल्ली , सिलीगुड़ी , नोयडा जैसे बड़े महानगरों में इस अफसर ने अपनी काली कमाई की अकूत संपत्ति इन्वेस्ट कियाहै. बताते है कि इस अफसर की सारी बेनामी संपत्ति को बिलासपुर में पदस्थ एमटी (मोटर मेकेनिक) शाखा का ASI है जो बेनामी संपत्ति को संभालने का कार्य करता है . वही जिसकी पोस्टिंग बटालियन में होनी चाहिए वह पिछले 12 सालों से ACB और EOW में अपने इशारो पर चला रहा है इसके पहले यह मोटर मेकेनिक क्राइम ब्रांच का हेड कॉस्टेबल भी रह चुका है .


बताते है अधिकारियों के दो नंबर के पैसो को एक नंबर में कन्वर्ट का काम इस मोटर मेकेनिक के द्वारा ही किया जाता है. इस मोटर मेकेनिक के पास कई बसे है जो उत्तरप्रदेश से लेकर बिलासपुर तक चलती है एसीबी और EOW की आड़ में यह ASI कोयले की दलाली और अनेक अवैध कार्यो के लिप्त है . बीते दिनों ACB रेड की जो गोपनीय जानकारी लीक हुई उसमे इस ASI का महत्वपूर्ण योगदान था जिसमे ACB की टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा था . इसी कारनामो के वजह से ही बिलासपुर के एक बड़े कारोबारी ने इस ASI को फोर व्हीलर गिफ्ट किया था. जिसमे घूम घूम कर यह दलाली वसूली और सिंडिकेट संभालने का कार्य करता है . ऐसा नही है इसकी शिकायत और जानकारी ऊपर के लोगो को नही है आज भी यह ASI बिलासपुर के एक कांग्रेसी नेता के इर्द गिर्द नजर आता है .


जिस तरह से केन्दीय जांच एजेंसियां लगातार कार्यवाही कर रही है उससे यह तो साफ है कि आज नही तो कल यह अफसर भी इसकी जद में आ जाएंगे लेकिन वर्तमान में राज्य सरकार और गृह मंत्रालय को इस ओर ध्यान देना चाहिए चूंकि पिछली सरकार में स्लीपर सेल की तरह कार्य करने वाले यह अफसर सरकार की छवि धूमिल करने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है जिसकी बानगी बलौदा बाजार रही जो आज आग की लपटों में राख हो चुका है .

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