पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे की कविताएं समाज को दिशा देने वाली होती थीं – मंत्री राजवाड़े

अम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध हास्य कवि पद्मश्री से सम्मानित डॉ. सुरेन्द्र दुबे को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु अंबिकापुर के गांधी स्टेडियम स्थित भारतेंदु भवन में एक भव्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन सरगुजा सिने आर्ट एसोसिएशन द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शासन की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े नें शामिल होकर डॉ. दुबे को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने अपने श्रद्धांजलि संबोधन में कहा कि डॉ. सुरेन्द्र दुबे न केवल हास्य-व्यंग्य के क्षेत्र में अद्वितीय थे, बल्कि उनकी कविताओं में सामाजिक चिंतन और गहराई भी होती थी। वे शब्दों के माध्यम से समाज को आइना दिखाते थे और अपनी वाणी से लोगों को प्रेरित करते थे। उनका जाना साहित्यिक जगत की अपूरणीय क्षति है।
डॉ. सुरेन्द्र दुबे न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के हास्य कविता मंचों पर अपनी विशिष्ट पहचान रखते थे। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा गया था। उनके योगदान को याद करते हुए मंत्री राजवाड़े ने कहा कि राज्य सरकार साहित्य, संस्कृति और भाषा के संवर्धन के लिए निरंतर प्रयासरत है और ऐसे महापुरुषों की स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
कार्यक्रम में अनेकों गणमान्य जनप्रतिनिधियों और साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति रही। इस अवसर पर अंबिकापुर नगर निगम के सभापति श्री हरमिंदर सिंह (टिन्नी), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरगुजा जिला प्रचारक श्री जितेंद्र शर्मा, बलरामपुर जिला प्रचारक श्री आत्म शरण उपाध्याय, एसोसिएशन के संरक्षक श्री डी.के. सोनी, अध्यक्ष श्री उमाशंकर गुप्ता, अधिवक्ता श्री जयेश वर्मा, सिने आर्ट एसोसिएशन की महिला अध्यक्ष श्रीमती रानू साहू, श्री स्वप्निल जायसवाल, सचिव राहुल पाण्डे, आनन्द गुप्ता, दिनेश केहरी, जितेंद्र बिन्दु, समीर बेहरा, आस्था पाण्डे, प्रीति विश्वास, अनिल द्विवेदी सहित अनेक गणमान्य अतिथियों ने भी डॉ. दुबे को श्रद्धासुमन अर्पित किए कार्यक्रम का संचालन श्री जयेश वर्मा द्वारा किया गया !
डॉ. दुबे की अमिट कला और विधा के अनुरूप कार्यक्रम के दूसरे चरण में काव्य गोष्ठी आयोजित हुई जिसमें सरगुजा के जाने माने कवियों सर्व श्री देवेन्द्र नाथ दुबे, सपन सिन्हा, संतोष दास सरल, डॉ. योगेंद्र सिंह गहरवार, विनोद हर्ष, डॉ. राजेश पाण्डेय, विनोद तिवारी, प्रकाश कश्यप, अजयपाल सिंह, श्रीमती अनिता मंदिलवार, पूनम दुबे, आशा पाण्डे एवं अंजू पांडे द्वारा काव्यपाठ किया गया, जिसने उपस्थित जनसमुदाय को भावविभोर कर दिया। श्रद्धांजलि सभा में शहर के कई स्कूलों, साहित्यिक संस्थानों और सांस्कृतिक संगठनों से जुड़े लोगों ने भी भाग लिया और अपने-अपने ढंग से श्रद्धांजलि अर्पित की।

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