रायपुर। फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी हासिल करने की शिकायत पर राज्य सरकार ने जांच समिति गठित करते हुए दिव्यांग कोटे से कृषि विस्तार अधिकारी पद के लिए चयनित 10 अभ्यार्थियों को राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड से भौतिक सत्यापन कराने के आदेश दिए गए हैं, इसके बाद ही उनकी पदस्थापना की जाएगी। इससे परे दिव्यांग कोटे से नौकरी हासिल करने वाले अलग-अलग विभागों के 147 अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमाण पत्र का नए सिरे से परीक्षण किया जाएगा।
बताया गया हैं कि कृषि विस्तार अधिकारी पद के लिए दिव्यांग कोटे से 10 अभ्यार्थियों का चयन हुआ था। इन सबकी पदस्थापना से पहले दिव्यांगता का सर्टिफिकेट के परीक्षण होगा। यानी सभी चयनित अभ्यार्थी चेतना सिंह, नूतन तिवारी, दिपेश कुमार जायसवाल, गणेश्वर वर्मा, जीवनलाल मार्को, पुष्पलता सिंह राजपूत, सुरेश कुमार साहू, श्रद्धा शर्मा, मनमोहित कुमार कुर्रे और मोहन कुमार यादव को राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड के सामने हाजिर होकर अपनी दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण कराने के आदेश दिए गए हैं। यह आदेश कृषि उपसंचालक कबीरधाम ने दिए हैं। इन सभी की पोस्टिंग कबीरधाम जिले में की गई है।
राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड संयुक्त संचालक और अंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक हैं। सभी अभ्यार्थियों को सात दिनों के भीतर बोर्ड के समक्ष उपस्थित होना होगा और फिर दिव्यांगता की जांच कराने के बाद प्रमाण पत्र कृषि उपसंचालक कार्यालय को जमा कराना होगा। सब कुछ सही पाए जाने के बाद ही जाइनिंग हो सकेगी।
बताया गया कि अलग-अलग पदों के लिए दिव्यांग कोटे से चयनित अभ्यार्थियों का भौतिक सत्यापन कराने के लिए सभी जिलों को निर्देश जारी किए गए हैं। दिव्यांग कोटे से चयनित अभ्यार्थियों को अपनी दिव्यांगता की जांच राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड से कराना अनिवार्य किया गया है। दिव्यांग संघ ने 147 अधिकारी-कर्मचारियों की सूची सरकार को दी है। जिन्होंने फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट लेकर नौकरी हासिल की है, इन शिकायतों का परीक्षण किया जा रहा है।
दिव्यांग कोटे से कृषि विस्तार अधिकारी पद के लिए चयनित 10 अभ्यार्थियों का होगा भौतिक सत्यापन, 147 का नये सिरे से परीक्षण
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