एकीकृत पेंशन योजना का राज्य में पेंशनरों ने किया स्वागत

00 छत्तीसगढ़ शासन से इसे तुरंत लागू करने की मांग
रायपुर। केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाली एकीकृत पेंशन योजना का पूर्व कर्मचारी नेता, भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने इसे कर्मचारियों की भविष्य को आर्थिक सुरक्षा देने वाला निरूपित कर स्वागत किया है और छत्तीसगढ़ राज्य में भी इसे तुरंत लागू करने हेतु मुख्यमंत्री से आग्रह किया है।
उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया है कि इस योजना के तहत 10 साल तक सरकारी नौकरी करने वाले को 10 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी और 25 साल नौकरी करने वाले को पूरी पेंशन दी जाएगी. वहीं अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के समय मौत हो जाती है तो उसकी पत्नी को 60 प्रतिशत पेंशन दी जाएगी. अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल तक काम किया है तो रिटायरमेंट के पहले आखिरी 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा. सभी एनपीएस वालों को यूपीएस में जाने का विकल्प मिलेगा. सरकार इसके लिए एरियर का भी भुगतान करेगी. जो कर्मचारी 2004 से रिटायर हो चुके हैं उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा. केंद्र सरकार ने ये भी कहा कि अगर राज्य की सरकार यूपीएस को लागू करना चाहती हैं तो वो भी इसे लागू कर सकती हैं.
पेंसनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश रायपुर के नेता क्रमश: वीरेन्द्र नामदेव, जे पी मिश्रा, पुरानसिंह पटेल, सुरेश मिश्रा,द्रोपदी यादव, लोचन पाण्डे,अनिल गोल्हानी, बी एस दसमेर, कुन्ती राणा,आर एन टाटी, ओ पी भट्ट,बी के वर्मा, दिनेश उपाध्याय,राकेश जैन, आई सी श्रीवास्तव, प्रदीप सोनी, रमेश नंदे, रणविजय सोनी, आर जी बोहरे, एस के चिलमवार,बी एल यादव, सी एल चंद्रवंशी, हरेन्द्र चंद्राकर, नरसिंग राम, ओ डी शर्मा, मालिकराम वर्मा, अनिल तिवारी,के जी विसेंट, रामगोपाल श्रीवास्तव, व्ही टी सत्यम,नागेन्द्र सिंह, आर डी झाड़ी, एस एन देहारी, पी एन उड़कुड़े, जगदीश कनौजिया, एस के घाटोडे, मो कासिम, आर के नारद, आदि ने छत्तीसगढ़ राज्य सरकार से केन्द्र सरकार द्वारा घोषित किए गए निर्णय को राज्य में तुरंत लागू करने की मांग की है।

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