पेण्ड्रा : – भाजपा ने खोले पत्ते , कांग्रेस में मची खींचतान , निर्दलीय दावेदार बनेंगे गेमचेंजर

भाजपा ने खोले पत्ते , कांग्रेस में मची खींचतान , निर्दलीय दावेदार बनेंगे गेमचेंजर
GPM : – नगरीय निकाय चुनाव को लेकर जैसे जैसे तारिक बढ़ती जा रही है वैसे वैसे सियासी पारा गर्माता जा रहा है एक तरफ जहां भाजपा ने अपने पत्ते खोल दिये है वही कांग्रेस में प्रत्यासी को लेकर पेंच फंसा हुआ है . कांग्रेस के विधायक और पूर्व सांसद भी पूरा दम खम लगाए हुए है कि उनके लोगों को टिकट मिल जाए एक ही पार्टी के दो बडे नेता अपने ही पार्टी में चल रही गुटबाजी को लेकर असमंजश में फंस गए है और तय नहीं कर पा रहे है .
जनता और भाजपा दोनों में बड़ी उत्सुकता है और वह निहार रही है कि विधायक का पलड़ा ज्यादा भारी होता है कि सांसद का अब देखना है कौन किस पर भारी पड़ता है .
भाजपा ने खोले पत्ते : –
सबसे पहले भाजपा ने अपने पत्ते खोलते हुए रितेश फरमानिया पर भरोषा जताया है . रितेश फरमानिया एक निर्विवाद चेहरे के साथ साथ एक सफल कारोबारी भी है शायद यही कारण है कि भाजपा के लिए वह प्रबल दावेदार बनकर उभरे है यह दूसरा मौका है जब रितेश भाजपा की पसंद बने है . हालांकि भाजपा के लिए यह डगर उतनी आसान नहीं है जितनी भाजपाई आंक रहे है लोग कह रहे है कि भईया पिछली पारी की हार के बाद क्षेत्र में कभी सक्रिय नही रहे वह सिर्फ दुकान से घर का ही रास्ता जानते है अब उन्हें शहर की तासीर भला क्या पता होगी ? अब यह बात कितनी सत्य है वह तो जनता ही जाने मगर निर्विवाद छवि ही काफी नही होगी भईया के लिए पहली और बड़ी चुनौती टीम वर्क है अगर इस चुनाव को अपने पाले में लाना है तो पार्टी कार्यकर्ताओ और संघठन को एकजुट करना होगा मगर यह उतना ही कठिन काम है जितना एक्साम की रात को पढ़ के पास होना .
अगर किसी तरह टास्क पूरा भी होता है तो नजर होगी रोडमैप पर पांच साल किस विजन पर काम होगा . सड़क , बिजली , लाइट , पानी के अलावा ऐसा क्या शहर को मिलेगा जिससे नगर का विकास हो अब भईया पढ़े लिखे समझदार है इसलिए कम से कम 10 नए क्रिएटिव काम की उम्मीद तो रखी ही सकती है यह दस काम जनता को बताना होगा कि आगामी पांच वर्ष में शहर को क्या नई सौगाते देंगे और भरोषा दिलाना चाहे जीत हो या हार आप शहर के लिए खड़े नजर आएंगे . अब इसमें भईया कितने खरे उतरते है यह तो वक़्त ही बताएगा .
कांग्रेसी खींचतान
कांग्रेसी खींचतान का फायदा कही न कही भाजपा को होता दिखलाई पड़ रहा है . एक विधायक के भरोषे तो दूसरे पूर्व सांसद के चहेते इसी बीच एक नाम और आया और दोनों में खलबली मच गई वो पूर्व जिलाध्यक्ष के करीबी के साथ साथ व्यापारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी रह चुके है . सूत्र बताते है कि विधायक जी ने दो टूक कह दिया है कि मेरी विधानसभा सीट में मेरे लोगों को ही टिकट मिलनी चाहिए . शांत सरल मिजाज के पूर्व सांसद इस बार वह भी अपना दम्भ भर दिए है आज शाम तक पायलट भी हवाई जहाज से उतरने वाले है अब देखना यह है पायलेट विधायक के चेहरे पर मुहर लगाते है या सांसद ही सरलता पर फिदा होते है . इस तिकड़ी में फंसे खेल में एक भईया तो साफ कह दिए है कि टिकट नही मिली तो निर्दलीय कूद जाएंगे अब यह निर्दलीय जीतने के लिए कूदने वाले है या पार्टी की नैया लगाने यह तो भईया जाने मगर लोग बता रहे है भैया के पास जमके पैसा है जिसका प्रमाण भईया समय समय पर देते रहते है .
गेमचेंजर : –
भाजपा कांग्रेस की समीकरण से इतर शहर में एक नया समीकरण तैयार हो रहा है सामान्य सीट होने से कई चेहरे निर्दलीय उतरकर गेमचेंजर की भूमिका निभाएंगे . इसी सिलसिले में बैठकों का दौर शुरू हो गया है इस गेमचेंजिग से भाजपा कांग्रेस दोनों में खलबली मचेगी . अब जो भाजपा प्रत्यासी से नाखुश है वह निर्दलीय प्रत्यासी पर दांव खेलने की फिराक में है और कांग्रेसी तो खुदे की नैया लगाने लगे हुए है . भाजपा को चाहिए कि वह जल्द से जल्द अपने टीम कार्यकर्ताओ को साध ले
वही कांग्रेस को भी समीकरण बदलने के लिए सांसद जी की बात को तरजीह देना चाहिए चूंकि विधायक खेमे वाले किसी कीमत में बगावती तेवर नही दिखाएंगे . हालांकि इस प्रतिद्वंतत्ता मे जिलाध्यक्ष जी खुश है दोनों की लड़ाई में उनके फायदे के चांस ज्यादा बढ़ते नजर आते है .