अफ़सर-ए-आ’ला (हर रविवार को सुशांत की कलम से)

अफ़सर-ए-आ’ला
(हर रविवार को सुशांत की कलम से)
जीपी सिंह के सीने में एक और तमगा
सत्य का दामन थामकर अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने वाले सीनियर अफसर जीपी सिंह के सीने में एक और तमगा लग गया है . संभवतः जीपी सिंह देश के पहले अफसर होंगे जिन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्त के बाद डीजी बनने का अवसर मिला है . जीपी सिंह के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी में दर्ज ECIR को हाई कोर्ट ने निरस्त दिया है इसी के साथ एडीजी से डीजी पद्दोनती का रास्ता भी साफ हो चुका है . इस संबंध में जल्द ही आदेश जारी किया जा सकता है .
जश्न में डूबा गांव
छत्तीसगढ़ के नए पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में 1991-92 बैच के IPS अधिकारी अरुण देव गौतम की नियुक्ति ने उनके पैतृक गांव अभयपुर फतेहपुर को गौरवान्वित कर दिया है जैसे ही यह खबर गांव पहुंची पूरा गांव जश्न में डूब गया . सुंदरकांड का पाठ किया गया और मिठाई बंटनी शुरू हो गई ग्रामीणों ने खुशी में जमकर अतिशबाजी भी की . हालांकि इसकी पुष्टि हमने पिछले अंक में की थी अगले डीजीपी की जिम्मेदारी अरुण देव गौतम को दी जाएगी और अशोक जुनेजा के एक्सटेंशन को लेकर सवाल भी खड़े किए थे जिसपर मुहर लग गई . अरुण देव गौतम तेजतर्रार और कर्तव्यनिष्ट पुलिस अफसर माने जाते 6 जिलो के पुलिस अधीक्षक रह चुके है इस लिहाज से यह माना जा रहा है कि पुलिस महकमे में अब बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा .
लड़ो मगर उसूलों के साथ
विभागीय अधिकारियों की लड़ाई इस स्तर तक नहीं जाना चाहिए कि कल अगर परिस्थिती बदले तो नज़र न मिला पाएं ऐसा ही वाकया पिछली सरकार में हुआ जब नौकरशाह सत्ता की नुमाइंदगी में इस कदर लीन थे कि न उन्हें उसूलों की चिंता थी न भविष्य का डर सत्ता की चाटुकारिता में लीन चंद अफसरों ने अपने ही सीनियर अफसर की बर्बादी की कहानी लिख डाली और वो किया जो जिससे नैतिकता को भी शर्म आ जाये . मगर कहते है देर से ही सही जीत सत्य की होती है आज जब समय बदल गया है तब यह अफसर न खुद से नजर मिला पा रहे है न ही उस अफसर से मिलाने की हिम्मत कर पा रहे है .
साय साय उड़ते पवन में श्रीनू
कल तक अकबर के दरबारी रहे श्रीनू अब इस सरकार में साय साय पवन की बहाव में बह रहे है . तत्कालीन सरकार में दरबारी रहे श्रीनू राव ने ऐसी दरबारी की कि उनके ऊपर सात आईएफएस को सुपरसीट करते हुए प्रभारी पीसीसीएफ नियुक्त किया था । इस नियुक्ति को लेकर तत्कालीन सरकार पर कई आरोप प्रत्यारोप लगे वर्तमान सरकार ने भी इस मामले को जमकर उछाला पांच साल इस अफसर ने ऐसा खेल खेला की यहाँ से लेकर हैदराबाद तक कई सौ करोड़ के आसामी हो गए . सरकार बदली तंत्र बदला लगा अब होगा पांच सालों का हिसाब मगर बताते है इस जादूगर अधिकारी ने इस सरकार में ऐसी चढ़ोत्तरी चढ़ाई की अब इनके खिलाफ न कोई बोलने को तैयार है न सुनने को बताते है की इस सरकार में भी इन्हें एक बड़ा वरदहस्त मिल चुका है . अब लक्ष्मी की कृपा जहाँ बरसे तो कौन किसका मुरीद नही हो जाता इसी तरह पवन की तरह राव सातवें आसमान की सैर कर रहे है .
CGMSC आस्तीन के सांप अब हों रहे ब्लैकलिस्टेड
CGMSC सिर्फ एक ही मोक्षित नही है ऐसे कई और आस्तीन के सांप है जो वर्षो से इस तंत्र को खोखला कर रहे है मगर तत्कालीन समय के लोगो ने इस ओर ध्यान नही दिया . बताते है कि वर्तमान में पदस्थ एमडी ने जिस तरह इस चक्रव्यूह को तोड़ने का संकल्प लिया है वह काबिलेतारीफ है . मोक्षित कॉर्पोरेशन के बाद डीकेएस हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाली कंपनी मेडिग्लोब मेडिकल सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को तीन साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया है वही सीजीएमएससी ने इसपर एफआईआर करने की भी तैयारी कर ली है . CGMSC में चल रही भर्राशाही पर यह कार्रवाही कही न कही मिल का पत्थर साबित होगा यह जरूरी भी है चूंकि सीजीएमएससी को इन चंद ठेकेदार कंपनियों ने भ्रष्टाचार का अड्डा बना लिया था अब जब कार्रवाही होने लगी है तो इन ठेकेदारो के हाथ पांव फूलने लगे है .
चुनाव में बंट रही अंतरराज्यीय शराब रेवेन्यू चौपट
एक तरफ जहां प्रदेश भर में चुनावी माहौल है साथ ही अचार सहिंता लगी हुई है . इस अचार सहिंता में अंतरराज्यीय सीमाओं के रास्ते बड़े पैमाने में शराब की खेप छत्तीसगढ़ आ रही है अब यह चुनाव बंटने के लिए आने वाली शराब है या बेचने के लिए यह तो आबकारी विभाग बताएगा मगर सवाल यह कि जब अचार सहिंता लगी हुई और सीमाएं सुरक्षित की गई तो यह खेप आखिर किसके निगेहबानी में आ रही है यह बड़ा सवाल है . बीते दिनों इस पर कई कार्रवाहिया हुई जिसमें बेमेतरा 800 पेटी मध्यप्रदेश की गोआ , कवर्धा में 400 पेटी अंग्रेजी व देशी , बलौदा बाजार में सेकड़ो पेटी मध्यप्रदेश की शराब की जप्ती की कार्रवाही की गई है मगर यह कार्रवाही खाना पूर्ति जैसी ही है . उल्लेखनीय है कि आबकारी विभाग वर्तमान में सीएम साहब के पास है ऐसे में सवाल उठना लाजमी है इस तरह अन्य राज्यो से शराब की खेप से राजस्व को कितना नुकसान हो रहा है .
ढेबर ढूंढो इनाम ले जाओ
रायपुर की महापौर प्रत्यासी के प्रचार से निवर्तमान महापौर एजाज ढेबर की तस्वीर गायब होने से सियासी घमासान मचा हुआ है . भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने कांग्रेस प्रत्यासी के एक कार्यक्रम का पोस्ट करते हुए लिखा कि ढेबर की तस्वीर ढूढ़ कर लाओ और डेढ़ लाख का इनाम ले जाओ . भाजपा नेता का यह सवाल लाजमी वही के बीजेपी प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि, कांग्रेस की पिछली भूपेश सरकार की सरपरस्ती में नगर निगम को लूट-खसोट और घपलों का अड्डा बना देने वाले निवर्तमान महापौर अब कांग्रेस के लिए इतने अप्रासंगिक हो चले हैं कि पूरे निगम क्षेत्र के बजाय सिर्फ एक वार्ड में उनको समेटकर रख दिया गया है . ढेबर को चुनाव प्रचार से दूर करके कांग्रेस ने यह मान लिया है कि एक महापौर के रूप में ढेबर बुरी तरह विफल महापौर साबित हुए हैं .
लाख टके का सवाल ,
एक महिला आईएएस का नाम बताइए जो मुख्यमंत्री को राखी बांधकर उनकी बहन बनकर रक्षा की आस में हैं !
छत्तीसगढ़ की ब्यूरोक्रेसी में कौन से दो सबसे बड़े पद है जिसकी नियुक्ति पर सारे अफसर संशय में हैं !