भा.पु.से. को शर्मशार करने वाले 2005 बैच के शेख आरिफ के चैट में कई खुलासे , नान घोटाले के मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा के बेटे यश टुटेजा के आगे नतमस्तक शेख साहब ,
यश टुटेजा देता था IPS आरिफ को ट्रांसफर पोस्टिंग सहित सीएम कार्यालय की गोपनीय जानकारी ,
“परत दर परत सारी चैट के होंगे खुलासे“
रायपुर : – भा.पु.से. यह करियर , शक्ति और प्रतिष्ठा के मामले में इस देश में शीर्ष पदों में से एक है मगर जब इस उच्च पद पर बैठने वाला शख्स इस पद के सम्मान , ओहदे , और पूरी प्रतिष्ठा को गिरवी रखकर अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए नतमस्तक हो जाए तब सवाल यह है कि फिर कैसे आमजन भा.पु.से. जैसे गरिमामयी पद का संम्मान और विश्वास कर पायेगा
दरअसल मामला फरवरी 2020 का है जिसमे आयकर विभाग को नान घोटाले के मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा के बेटे यश टुटेजा के व्हाट्सअप चैट से कई गंभीर बातों का खुलासा किया है .
हमने जब इसकी पड़ताल की तब कई चौकाने वाली बात सामने आई आप इन चैट्स को देखेंगे तो आपके भी पैरों तले जमीन खिसक जाएगी कि कैसे एक भा.पु.से. के अधिकारी राजधानी जिले को घोटाले के सरगनाओं के आगे गिरवी रखकर अपना निजी स्वार्थ साध रहा था स्वार्थ साधने में यह इस कदर बेआबरू हो गए कि अपनी पत्नी और एक अधिकारी के बेटे को मोहरा बनाकर खेल , खेल रहे थे
चैट्स कई हिस्सों में और काफी लंबा संवाद है जिसका हम परत दर परत खुलासा करेंगे इस चैट्स को हमने कई सीरीज (हिस्सो ) में बांटा है
जिसकी पहली कड़ी
भा.पु.से. को शर्मशार करने वाला शेख आरिफ
2005 बैच के आईपीएस आरिफ शेख जिनका जिक्र भाजपा ने अपने आरोप पत्र में भी किया था कि कैसे एक आईपीएस रेंक के अधिकारी ने खुद का ही नही अपितु पूरे पुलिस प्रशासन को कलंकित करने का कृत्य किया है आखिर भाजपा ने अपने आरोप पत्र में जिक्र क्यो किया इसके कई कारण है
आरिफ शेख कैसे कानून को अपनी कठपुतली बनाकर पूरे कानून व्यवस्था सहित जिले को घोटाले के सरगनाओं के आगे गिरवी रख खुद नतमस्तक हो गया इसका खुलासा आरिफ शेख और अनिल टुटेजा के बेटे यश टुटेजा के बीच हुए संवाद से जाहिर होता है .
चैट्स के महत्वपूर्ण बिंदु
सबसे पहले शेख आरिफ अपनी पत्नी शमी आबिदी जो 2007 बैच की आईएएस है उनके साथ मिलकर यश टुटेजा जो घोटाले बाज अनिल टुटेजा का बेटा है (प्रशासनिक सेवा में नही है) उससे खुद से मेसेज करके पहले मित्रवत होने की कोशिश करते है और जब इस कोशिश में सफल हो जाते है तब शुरू होता है आरिफ शेख का शातिर खेल आरिफ षणयंत्र और शातिर दिमाक से यश टुटेजा से अपने सम्बद्ध को प्रगाढ़ बनाते है इस सम्बद्ध की प्रगाढ़ता इसलिए भी जरूरी थी चूंकि अनिल टुटेजा पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के सबसे इष्ट , करीबी , चहेते अफसर कहलाते थे जिसके इशारे पर ही पूरा तंत्र संचालित होता था
आरिफ शेख ऐसा कोई भी मौका नही छोड़ते था जिसमे वह यश के करीब जा सके जन्मदिन की बधाई से लेकर तमाम हतकंडे अपनाकर आखिर आरिफ यश टुटेजा से अपनी घनिष्ठता बढ़ाते चलते है और यश के आगे बेबस और लाचार होकर उन्हें बॉस कहकर संबोधित करते है .
यश के जरिये आरिफ को मिलती थी ट्रांसफर , पोस्टिंग और सीएम कार्यालय की गोपनीय जानकारियां ,
यश से बढ़ती नजदीकियों का पूरा फायदा आरिफ शेख बड़ी चालाकी से उठाते है अनिल टुटेजा की भूपेश बघेल से नजदीकियों के कारण यश को सीएम कार्यालय की तमाम गोपनीय जानकारी समेत दस्तावेज आसानी से मिल जाया करते थी जिसमें यश होने वाली ट्रांसफर , पोस्टिंग और अन्य गोपनीय जानकारियां आरिफ को पहुँचाने का कार्य करता था आरिफ इस जानकारियों के बदले यश की पूरी चाटुकारिता करते थे
आरिफ अपनी पत्नी शमी आबिदी के साथ यश के मीनाक्षी नामक सैलून जहाँ मुलाकातो का दौर चलता था जिसमे आरिफ और आबिदी यश के मीनाक्षी सैलून के लिए ग्राहकों का भी प्रबंध भी करते थे
एक आईपीएस अधिकारी कैसे यश टुटेजा के कदमो में समर्पित था जिसका खुलासा परत दर परत हम करेगे फिलहाल की चैट्स को पढ़िए देखिए और समझने की कोशिश कीजिये
कैसे एक आईपीएस अधिकारी ने नियम कायदे कानून को ठेंगा दिखाकर खुद के नम्बर बढ़ाने की जद्दोजहद में किसी भी स्तर पर जाकर एक अधिकारी के बेटे को साधने के लिए पूरी भा.पु.से. को शर्मसार कर दिया और अपने कोहनी के बल चलकर यश के आदेशों का पालन करता था .
इस चैट की अगली सीरीज में हम बताएंगे कैसे यश अपने ग्राहकों को फायदा पहुँचाने के लिए आरिफ और उसकी पत्नी शमी आबिदी का इस्तेमाल करता था .
कैसे आईपीएस आरिफ शेख यश टुटेजा के साथ बैठक और डिनर के गिड़गिड़ाता है
यश के रायपुर स्थित मीनाक्षी सैलून की बैठक में आखिर होता क्या था