10 सूत्रीय मांग को लेकर 15 सामाजिक संगठनों के प्रमुखो ने किया प्रदर्शन

00 अनुसूचित जाति, जनजाति वर्गों के लिए पदोन्नति में आरक्षण नियम 5 को पुन: अधिसूचित करने की मांग
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रस्ताव पर सर्व अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के समाज प्रमुखों ने संवैधानिक हक अधिकारियों के लिए 10 सूत्रीय मांग को लेकर तूता स्थित धरना स्थल में राज्य भर से पहुंचे अधिकारी कर्मचारियों ने जमकर धरना प्रदर्शन किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ अध्यक्ष आर एन ध्रुव, कमलेश ध्रुव, कार्यकारिणी अध्यक्ष एनके चंद्रवंशी, महासचिव (अजाक्स) अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति कर्मचारी संघ अध्यक्ष डॉक्टर लक्ष्मण भारती, महामंत्री छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ अध्यक्ष आर एल ध्रुव, महासचिव जे के मांडवी, सोशल जस्टिस एंड लीगल फाउंडेशन अध्यक्ष अनिल कुमार बनेर्जी,सचिव विनोद कोसले के साथ 15 संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ अध्यक्ष आर एन ध्रुव ने बताया कि उनकी प्रमुख मांगों में अनुसूचित जाति, जनजाति वर्गों के लिए पदोन्नति में आरक्षण नियम 5 को पुन: अधिसूचित करना एवं मान. सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश 01.05.2023 एवं 24.02.25 को पदोन्नति में तत्काल लागू करवाना, अनुसूचित जाति, जनजाति, व पिछड़े वर्गों के बैकलाग पदों की पूर्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान की कार्यवाही करवाना, जनसंख्या के आधार पर अजा जजा आरक्षण का निर्धारण एवं जिला व संभाग स्तरीय / स्थानीय भर्ती आरक्षण पर अधिनियम बनाने की कार्यवाही, राज्य में आरक्षित वर्गों के छात्रवृत्ति के लिए 2011 से निधारित 2.50 लाख आय सीमा को समाप्त करवाना, फर्जी जाति प्रमाण-पत्र धारितों पर सेवा समाप्ति की कार्यवाही शीघ्र करवाना, जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण करवाना, अनुसूचित जाति, जनजाति उपयोजना (निधियों का निर्धारण, आबंटन एवं उपयोगिता) बजट अधिनियम बनवाना, छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम 1994 के प्रावधानों का शत प्रतिशत लागू करवाना, 5 वीं अनुसूची क्षेत्रों की 85 विकास खंडों में स्थानीय प्रशासन का पेसा कानून के तहत् प्रभावी क्रियान्वयन करवाना तथा छ.ग. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) के तहत अजजा की भूमि अंतरण प्रतिबंध में पट्टा को शामिल नहीं करने जारी परिपत्र दिनांक 17 अगस्त 2016 को तत्काल निरस्त किया जाना शामिल है।

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