डीएमएफ व शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई EOW की 19 ठिकानों पर दबिश, महत्वपूर्ण दस्तावेज़ जब्त –

डीएमएफ व शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई
EOW की 19 ठिकानों पर दबिश, महत्वपूर्ण दस्तावेज़ जब्त –

रायपुर : राज्य में बहुचर्चित डीएमएफ तथा शराब घोटाले की जांच ने रविवार को बड़ा मोड़ लिया।आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की टीमों ने कुल 19 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। EOW चीफ़ अमरेश मिश्रा ने बताया कि तड़के शुरू हुई इस कार्रवाई के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य कब्जे में लिए गए हैं।
उन्होंने कहा जांच में जिन व्यक्तियों, ठेकेदारों और संबद्ध कारोबारियों के नाम सामने आए थे, उन सभी के यहां तालमेल से तलाशी ली गई है। प्राप्त साक्ष्यों का वैज्ञानिक विश्लेषण किया जाएगा। यह कार्रवाई आगे की पूछताछ और संभावित गिरफ्तारी का आधार बनेगी।

किन जिलों में दबिश?
जांच दो प्रमुख प्रकरणों डीएमएफ घोटाला और शराब घोटाले से जुड़ी है। डीएमएफ मामले में रायपुर में 04 , बिलासपुर में 02 , सरगुजा में 02 , कोण्डागांव में 01 धमतरी में 01 , बलरामपुर में 01 कुल 11 ठिकानों पर दबिश दी गई । वही शराब घोटाला मामले में बिलासपुर में 04 , रायपुर में 02 , दुर्ग में 01 बस्तर में 01 कुल 08 जगहों पर कार्रवाही की गई है। सूत्रों के अनुसार तलाशी जिन स्थानों पर ली गई, वे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जांच के दायरे में हैं।

किस कानून के तहत कार्रवाई?
यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 12 तथा IPC की धारा 420, 467, 468, 471 और 120-B के तहत पंजीबद्ध अपराधों से संबंधित है। लेनदेन की उन सभी कड़ियों को खंगाला जा रहा है, जिनसे सरकारी फंड और ठेका लाइसेंसिंग में कथित लाभ पहुंचाया गया।

क्यो अहम है यह ऑपरेशन
डीएमएफ फंड का उद्देश्य खनन प्रभावित एवं आदिवासी क्षेत्रों का विकास है, वहीं शराब ठेकों में भारी राजस्व और नेटवर्किंग का खेल शामिल रहा है। EOW अधिकारियों का दावा है। यह सिर्फ छापेमारी नहीं सिस्टम को खोखला करने वाली जड़ों पर सर्जिकल स्ट्राइक है।

आगे की कार्रवाई?
EOW प्रमुख ने कहा जप्त दस्तावेज़ों और डिजिटल साक्ष्यों की फोरेंसिक जाँच के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई तेज होगी। कुछ प्रमुख नामों पर निगरानी है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में गिरफ्तारियाँ और बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं।

राज्य में आर्थिक अपराधों पर अब तक की यह
सबसे व्यापक और संगठित कार्रवाई मानी जा रही है। अब नज़रें इस बात पर यह जांच किन दरवाज़ों को अंदर तक खोल देती है और किन्हें हमेशा के लिए बंद कर देती है।

 

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