राज स्नान के साथ 15 दिनों तक एकांतवास में रहेंगे भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी

रायपुर। आज स्नान पूर्णिमा पर 108 पवित्र कलशों से हुए ‘राज स्नान’ के साथ ही अब भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी 15 दिनों तक ‘अनासर’ यानी एकांतवास में रहेंगे। इस अवधि में मंदिर के पट बंद रहेंगे और आम श्रद्धालु भगवान के दर्शन नहीं कर सकेंगे। राजधानी के शंकर नगर (गायत्री नगर) स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में आज स्नान पूर्णिमा पर भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी का भव्य महा स्नान अनुष्ठान सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष एवं विधायक पुरंदर मिश्रा ने बताया कि स्नान पूर्णिमा का आयोजन श्रद्धा और व्यवस्था के साथ संपन्न हुआ है। अब हम 27 जून को निकाली जाने वाली भव्य रथयात्रा की तैयारियों में जुट गए हैं, जिसमें अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। स्नान के पश्चात यह धार्मिक मान्यता है कि भगवान को जलाभिषेक के कारण त्रिदोष (कफ, पित्त, वात) हो जाता है, जिससे वे अस्वस्थ हो जाते हैं। इसी कारण 15 दिनों तक उन्हें एकांत में विश्राम दिया जाता है, जिसे अनासर कहा जाता है। इस दौरान विशेष औषधीय सेवा की जाती है, जिसमें जड़ी-बूटियों, फलों और जौ से बनी औषधीय खिचड़ी भगवान को अर्पित की जाती है। 26 जून को भगवान का नवयौवन दर्शन कराया जाएगा और 27 जून को भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा जी नगर भ्रमण के लिए रथ पर सवार होकर निकलेंगे।