शून्य काल मे उठा हसदेव अरण्य का मामला , श्रीनिवाशन राव ने मुख्यमंत्री शपथ के तीन दिन पहले सीसीएफ सरगुजा को गोपनीय तरीके से वृक्ष कटाई का दिया था आदेश , अब होगी कार्रवाही

शून्य काल मे उठा हसदेव अरण्य का मामला , श्रीनिवाशन राव ने मुख्यमंत्री शपथ के तीन दिन पहले सीसीएफ सरगुजा को गोपनीय तरीके से वृक्ष कटाई का दिया था आदेश , अब होगी कार्रवाही
रायपुर : – विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन शून्य काल मे प्रदेश का बहुचर्चित मामला विधानसभा मे गूंजा नेता प्रतिपक्ष ने कहा हसदेव जंगल खत्म होने से बांगो के बांध खत्म हो जाएंगे . हसदेव कटाई के मसले को लेकर आज सदन में जमकर हंगामा हुआ और विपक्ष ने जमकर नारेबाजी भी की
सदन में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास ने कहा कि हसदेव क्षेत्र में सभी कोल ब्लॉक रद्द करने के लिए 26 जुलाई 2022 को संकल्प पारित किया गया था . उन्होंने कहा कि सरकार और मुख्यमंत्री बनने के पहले वन विभाग ने हसदेव में 15 हजार 307 पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी महंत ने कहा कि ये गंभीर समस्या है हसदेव खत्म होने से बांगो बांध खत्म हो जाएगा जंगल तबाह हो जाएंगे .
क्या है पूरा मामला : –
मामला हसदेव केते बेसिन का है जहाँ 91 हेक्टेयर में लगभग 15307 पेड़ो की कटाई की जा चुकी है मामले को लेकर सवाल यह उठता है कि सरकार बदलने के चंद दिन भी नही बीते थे तो किसको इतनी जल्दी थी कि मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण का भी इंतजार न हुआ शपथ ग्रहण के तीन दिन पहले गोपनीय तरीके से पेड़ो की कटाई के आदेश जारी कर दिया गया







उक्त मामले की जब हमने पड़ताल की तब यह बात सामने आई कि हसदेव केते बेसिन की कटाई के पीछे का सबसे बड़ा मास्टरमाइंड आईएफएस श्रीनिवाशन राव ही है श्रीनिवाशन राव ने दिनांक 11.12.2023 गुपचुप तरीके से सरगुजा सीसीएफ को एक आदेश जारी करते हुए वृक्षो की कटाई का आदेश जारी कर दिया जबकिं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिनांक 13.12.2023 को मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया .
बड़ा सवाल यह है कि जब सूबे में सरकार बदल गई और न मुख्यमंत्री का शपथ हुआ और न ही मंत्रिमंडल का गठन हुआ तो आखिर श्रीनिवाशन किसके इशारे में इस तरह का आदेश तीन दिन पहले जारी कर दिया .
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार श्रीनिवाशन राव को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय मे एक बड़े कारोबारी के करीबी और प्रभावशाली व्यक्ति का भी हाथ है वर्तमान में सत्तादल के एक वरिष्ठ और बड़े कारोबारी के सलाहकार है उनके द्वारा श्रीनिवाशन राव को इस तरह का आदेश निकालने के लिए कहा गया और राव को यह आश्वाशन दिया गया कि हम जिसे चाहेगे उसी के हाथ में सत्ता की चाभी होगी मगर हुआ इसके उलट सत्ता भी पलटी और कई लोगों के मंसूबे भी नाकाम हो गए
लिहाजा उस प्रभावशाली व्यक्ति और श्रीनिवाशन राव ने मिलकर सरकार की छवि धूमिल करने की योजनाबद्ध तरीके से जुगाड़ लगाया और इस तरह का आदेश जारी करवा दिया गया .
मामले को लेकर अब सड़क से लेकर सदन तक कार्रवाही किये जाने की मांग अब उठने लगी है श्रीनिवाशन राव वर्तमान में वन विभाग के सबसे अहम पद प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर आसीन है और इनके द्वारा लगातार सरकार की छवि धूमिल करने का दुस्साहसी खेल खेला जा रहा है .
छत्तीसगढ़ वन सेवा भर्ती प्रक्रिया में धांधली ,
भर्ती प्रक्रिया में हाई कोर्ट ने लगाई रोक : –
छत्तीसगढ़ वन सेवा भर्ती प्रक्रिया में जमकर धांधली की गई वही भर्ती प्रकिया में माननीय हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है आपको बता दे तत्कालीन भूपेश सरकार में वनमंत्री रहे मो.अकबर जो नियम कानून के जानकार थे प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रीनिवाशन राव ने तब मो. अकबर को गुमराह करने की काफी कोशिश की नियमो के विपरीत जाकर भर्ती प्रक्रिया पूरी कराये जाने की कवायद शुरू की जिसमे दौड़ में अनुपूरक सूची में दर्ज अभ्यर्थियों को मौका नहीं देकर फिजिकल टेस्ट में फेल हुए अभ्यर्थियों को दोबारा मौका दिए जाने का फैसला लिया जाना कहा गया जबकिं उक्त प्रशिक्षण में पैरों में सेंसर मशीन और दौड़ की वीडियो ग्राफी की गई थी जिसको लेकर अभ्यर्थियों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था .
जैसे ही प्रदेश में सत्ता सरकार बदली यही प्रधान मुख्य संरक्षक ने वर्तमान वनमंत्री को भी गुमराह कर बदनीयती से बिना परीक्षा नियम संसोधन के जब पहले अनुपूरक सूची में दर्ज अभियर्थियों को मौका नही दिया दिया गया वर्तमान सरकार में अनुपूरक अभियर्थियों को मौका देने की मंजूरी दे दी है जबकिं पूर्ववर्ती सरकार के आदेश में असफल अभियर्थियों दुबारा मौका नही देने का नियम बताया गया था
ऐसी स्थिति में तत्कालीन और वर्तमान सरकार दोनों को इस अधिकारी ने अपनी चालाकी से कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है सवाल यह है कि तब की सरकार के नियम सही थे या वर्तमान सरकार के नियम हालांकि न्यायालय के इस फैसले से वर्तमान सरकार बदनाम होने से बच तो गई मगर मामले की गहनता से न्यायिक जांच कराए जाने की जरूरत है आखिर किसके संरक्षण और किसके दबाव में प्रधान मुख्य संरक्षक ने ऐसा कारनामा किया .
भ्रष्ट कनिष्ठ अधिकारियों को श्रीनिवाशन राव का अभयदान ,
राज्य में जंगल विभाग के जितने भी भ्रष्ट अफसर रहे है उनको प्रधान मुख्य वन संरक्षक राव का ऐसा संरक्षण प्राप्त रहा है कि जंगल विभाग में कोई भी भ्रष्टाचार करो साहेब के रहते कोई कार्रवाही नही होगी श्रीनिवाशन राव खुद भ्रष्टाचार के इतने आकंठ तक डूबे रहे कि उन्हें अपने कनिष्ठ अधिकारी दूध के धुले नजर आते थे
अगर कोई रेंजर , एसडीओ , डीएफओ या सीसीएफ भ्रष्टाचार की शिकायत राव से की जाती तो तमाम हतकंडे अपनाकर श्रीनावशन राव या तो फाइल गायब करवा देते थे या विभागीय जांच का आदेश दे देते थे फिर सालों साल तक विभागीय जाँच के नाम पर शिकायतकर्ताओं को गुमराह किया जाता कुछ समय बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता था
बताते चले कि सत्ता सरकार बदल जाने के बाद भी यह अधिकारी अपने कुकृत्यों से बाज नही आ रहा है किसी भी प्रकार से षणयंत्र कर सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है मगर यह भाजपा की विष्णु देव सरकार है जो ऐसे भ्रष्चारियो पर कार्रवाही करने के लिए प्रतिबद्ध है देखना यह है कि इस अधिकारी को अपने किये की सजा कब तक मिलती है