बंदरो या जंगली जानवरों को खाना खिलाना अपराध , अधिवक्ता विजय मिश्रा ने सोशल मीडिया में मुट्ठी भर चना खिलाने वालो की दी समझाइस ,
बंदरो या जंगली जानवरों को खाना खिलाना अपराध , अधिवक्ता विजय मिश्रा ने सोशल मीडिया में मुट्ठी भर चना खिलाने वालो की दी समझाइस
रायपुर : – इंसानों और बंदरो के बीच बढ़ती बातचीत और इंसानों पर उनकी निर्भरता उन्हें जोखिम में डाल रही है इंसानों पर निर्भर होती बंदरो की सम्पूर्ण प्रजाति की प्राकृतिक जीवित रहने की प्रवृति कम होती जा रही है बंदर बेहद ही अनुकूल स्वभाव की प्रजाति है जो पूरे एशियाई उपमहाद्वीप में पाए जाते है इनकी शक्ति बुद्धि और वफादारी की वजह से हिन्दू देवता हनुमान के समकक्ष माना जाता है इसके बाद भी बंदरों की प्रजाति में खतरा मंडरा रहा है .
मुट्ठी भर चना मुर्रा खिलाकर सोशल मीडिया में बटोर रहे लाइक : –
सहज ही पाए जाने वाली बंदरों की प्रजाति अपने मुश्किल दौर से गुजर रही है जबरिया पशु प्रेम और सोशल मीडिया के चंद लाइक्स कम्मेंट बटोरने के लिए लोग बंदरो को मुट्ठी भर चला खिलाकर खुद को बहुत बड़ा पशु प्रेमी बताने की होड़ लगी है जबकि यह मुट्ठी भर चना मुर्रा से उनकी भूख नही मिटती यह उनके भोजन और पाचन तंत्र को खराब करता है . बंदर स्वस्थ वन पारिस्थितिकी तंत्र को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है वे बीज फैलाव की प्रक्रिया में सहायता करते है क्योंकि उनका मुख्य आहार फल होता है जब खाने की आदत उन्हें उनके प्राकृतिक रहवास से बाहर लेजाती है तो यह जंगलो के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और उनके भोजन पैटर्न को बदल देता है .
अधिवक्ता विजय मिश्रा ने कहा बंदरो को खाना खिलाना अपराध : –
अधिवक्ता विजय मिश्रा सोशल मीडिया में सक्रिय रहते है सोशल मीडिया में थोड़े लाइक्स और कम्मेंट बटोरने वालो को समझाइस देते हुए कहा कि यह हमारे लाइक्स कम्मेंट बटोरने का जरिया नही है यह बेहद ही संवेदनशील विषय है आप चाहे कितने ही बड़े पशु प्रेमी क्यो न हो या किसी भी स्थिति में आपको बंदरों को खाना नहीं खिलाना चाहिए, चाहे आप कितना भी चाहें इससे आप अनजाने में ही उनके जीवन को जोखिम में डालते हैं और गंभीर संघर्ष की स्थिति को आमंत्रित करते हैं . कृपया बंदरों को खाना न खिलाएं, क्योंकि आप संघर्ष की घटनाओं को बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं और जंगल में जीवित रहने की उनकी प्राकृतिक प्रवृत्ति को खत्म कर रहे हैं . यह कानूनन भी दंडनीय अपराध है .
लगाना होगा अंकुश : –
अधिवक्ता विजय मिश्रा ने कहा कि सरकार और वाइल्ड लाइफ को इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है अगर बंदरो की प्रजाति को बचाना है तो बंदरो की मनुष्य पर निर्भरता से खत्म करनी होगी इसके लिए अन्य राज्यो की तरह कड़े कानून लागू किये जाने चाहिए यह वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 का भी उल्लघन है . जिस तरह बंदरो के सड़को में बंदरों की दुर्घटनाओ में मौते , शहरी इलाकों में हाइ वोल्टेज तारो में झूलते यह मूक जानवर , भोजन न देने पर बंदरो द्वारा मनुष्य पर हमला इंसानों द्वारा क्रूरता पूर्ण हरकते इनकी प्रजाति को विलुप्ति की ओर ढकेल रही है . इस पर रोक लगाई जानी चाहिए .