महादेव एप्प में फंसे IPS अफसरो पर लगे मामले को रफा दफा करने की कवायद शुरू , अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर आईपीएस को अभयदान देने के लिए 100 करोड़ का बजट , EOW पर देश विदेश से बनाया जा रहा दबाव ,

महादेव एप्प में फंसे IPS अफसरो पर लगे मामले को रफा दफा करने की कवायद शुरू , अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर आईपीएस को अभयदान देने के लिए 100 करोड़ का बजट , EOW पर देश विदेश से बनाया जा रहा दबाव

रायपुर : – महादेव गेमिंग एप्प के जरिये छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यो में लगभग 6 हजार करोड़ का घोटाला हुआ जिसे पूर्ववर्ती सरकार और सरकार की नुमाइंदगी करने वाले आईपीएस और आईएएस का भरपूर संरक्षण प्राप्त था यह आईपीएस/आईएएस प्रबंधक की भूमिका निभाते हुए हर माह लाखों करोड़ों रुपये का कमीशन लेकर महादेव एप्प को पूरे राज्य में संचालित कर रहे थे . विधानसभा चुनाव के दौरान एक वीडियो ने काफी सुर्खिया बटोरी थी जिसमे शुभम सोनी नामक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन सरकार में मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये दिए थे वही परिवर्तन निर्देशालय ने लगभग 5 करोड़ की रकम असीम दास उर्फ बप्पा नामक एक शख्स से भिलाई में उसकी कार की डिग्गी से बरामद किए थे  जांच के बाद मामले में 70 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश राज्य के EOW को दिए हैं .  इनमे लगभग 30 पुलिस कर्मियों समेत आधा दर्जन IPS अधिकारी शामिल हैं , शेष लगभग 35 प्राइवेट लोगों को भी नामजद आरोपी बनाने के लिए कहा गया है .

EOW और महादेव आमने सामने : –

बीते दिनों विधानसभा सत्र में महादेव गेमिंग एप्प का मामला जमकर गुंजा मामला इस कदर तूल पकड़ा कि अब कार्रवाही होना सुनिश्चित है  वही इस गंभीर मामले को रफा दफा करने के लिए पूरी आईपीएस लॉबी लग गई है जिसके लिए इन आईपीएस अफसरो ने एक गुमताड़ा सेट किया है जिसमें इन आईपीएस का नाम काटकर किसी अज्ञात व्यक्ति पर मामला पंजीबद्ध करने की कवायद शुरू कर दी है मामले को रफा दफा करने के लिए कीमत जो लगाई गई है वह लगभग 100 करोड़ की है सूत्र बताते हैं कि अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए EOW पर दबाव बनाया जा रहा है जिसके लिए सटोरियों से भी मोटा चंदा वसूला गया है . जबकि ED ने FIR का प्रारूप दस्तावेजी प्रमाण और गवाहों के बयान भी EOW को सौंपे हैं . बताते हैं कि इस संज्ञेय अपराध को कानूनी दांव-पेचों में उलझा कर IPS अफसर बच निकलने की जुगत में हैं सूत्रों द्वारा बताया जाता है कि इसके लिए तमाम प्रभावशील IPS अधिकारियों ने चंदा इकट्ठा किया है .

ED की जांच में किन किन अफसरो का नाम : –


परिवर्तन निर्देशालय की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिन जिन अफसरो का नाम एफआईआर दर्ज करने को कहा है उसमें IPS शेख आरिफ , आनंद छाबड़ा , अजय यादव , प्रशांत अग्रवाल , और अभिषेक पल्लव , का नाम प्रमुख रुप से शामिल है . जबकि राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अभिषेक माहेश्वरी , संजय ध्रुव , समेत कई थानेदारों को भी नामजद आरोपी बनाए जाने के लिए निर्देशित किया गया है . इनमें IPS प्रशांत अग्रवाल बतौर आरोपी कोल खनन परिवहन घोटाले में ED की चार्जशीट में भी शामिल हैं . मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल , सरकारी सलाहकार विनोद वर्मा , सुपर सीएम सौम्या चौरसिया , और विजय भाटिया प्रमुख रुप से शामिल बताए जाते है . पुलिस अधिकारी चंद्रभूषण वर्मा ने भी अपने बयान में बताया कि महादेव ऐप से अर्जित होने वाली रकम विभिन्न पुलिस अधिकारियों को सौंपा करता था . इसके निर्देश उसे IPS अधिकारियों के माध्यम से प्राप्त होते थे ED को सौंपे गए दस्तावेजी प्रमाणों में इस नेटवर्क का खुलासा किया गया है .

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी न्यायालय में दायर की याचिका : –

बताते चले कि सामाजिक संस्थाएं और एनजीओ ने भी इस घृणित कृत के लिए बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है याचिका में बताया गया है कि किस तरह युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए युवाओं के भविष्य को सट्टा जुआ में धकेलने का प्रयास किया है इससे युवाओं का एक बड़ा वर्ग इसकी जद में है यह युवा जो देश का भविष्य है वह जुए और सट्टे में अपना भविष्य तलाश रहे है साथ ही जुए सट्टे के जद के साथ यह जुआ नशे की गिरफ्त में भी आ गए है लिहाजा युवाओं को इस घिनोने कृत्य में डुबोने वाले अफसरो सहित जो जो इसमें शामिल है उसकी जांच CBI से कराए जाने की मांग की है .

प्रधानमंत्री खुले मंच की थी भर्त्सना , गृह मंत्री भी कार्रवाही के लिए प्रतिबद्ध : –

महादेव सट्टे गेमिंग एप्प की गूंज राज्य से होते हुए दिल्ली तक जा पहुँची यही वजह है की देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुले मंच से महादेव सट्टा एप्प के भ्रष्टाचारियों को ठिकाने लगाने की बात कही थी अंदाजा लगाइए की मामला इतना गंभीर और संवेदनशील था कि उक्त मामले में प्रधानमंत्री को भी भरे मंच से इसकी कार्रवाही की घोषणा करनी पड़ गई अंदाजा लगाइए इस छोटे खूबसूरत राज्य को तत्कालीन सरकार और उनके नुमाइंदों ने बदनाम किया कि इसकी धमक दिल्ली तक जा पहुँची .
उक्त मामले में भी गृह मंत्री विजय शर्मा ने भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अफसर को ना बक्शे जाने का भरोसा प्रदेश की जनता को दिलाया है . उन्होंने विधानसभा में साफ किया है कि एजेंसियां घोटाले की तह तक जाएंगी .

राज्य की विष्णुदेव साय सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्य कर रही है इस लिहाज से जिन जिन अफसरो को नामजद आरोपी बनाया गया है उन्हें लूपलाइन में तो भेज दिया गया मगर कार्रवाही अब तक लंबित है देखना होगा कि साय सरकार इन भ्रष्ट अफसरो पर क्या कार्यवाही करती है और यह कार्यवाही सरकार को लोकसभा चुनाव के पहले करना होगा चूंकि सरकार इन भ्रष्टाचार और भ्रष्ट अफसरो की करतूतों की वजह से ही भाजपा पर भरोषा जताया था अगर लोकसभा के पहले कार्रवाही नही होती तो कही न कही भाजपा को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है .

साभार – न्यूज टुडे

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