शिक्षा व्यवस्था हुई सुदृढ़ अब सभी शालाओं में शिक्षक उपलब्ध

00 गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का मिल रहा है लाभ छात्रों को
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय विद्यालयों में युक्तियुक्तकरण के माध्यम से शिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित की है, जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा का वातावरण मिल रहा है। सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ने जानकारी दी कि विकासखण्ड में वर्तमान में 188 प्राथमिक शालाएं, 68 माध्यमिक शालाएं, 15 हाई स्कूल एवं 6 हायर सेकेंडरी स्कूल संचालित हो रहे हैं। युक्तियुक्तकरण के तहत शिक्षकों का संतुलित वितरण कर यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रत्येक विद्यालय में छात्र संख्या के अनुरूप शिक्षक पदस्थ हों।
उदयपुर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक शाला डुमरटिकरा (संकुल केंद्र रिखी) जो पूर्व में एकल शिक्षकीय विद्यालय था, वहां अब एक अतिरिक्त शिक्षक की पदस्थापना की गई है। इसी प्रकार प्राथमिक शाला सुसकम सैदू (संकुल केंद्र घाटबर्रा) में भी एक अतिरिक्त शिक्षक की नियुक्ति हुई है, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। प्राथमिक शाला कुरोपारा नुनेरा (संकुल केंद्र खम्हरिया) में भी एकल शिक्षकीय स्थिति समाप्त कर एक और शिक्षक की तैनाती की गई है।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षा व्यवस्था को मजबूत और गुणवत्तापूर्ण बनाने के उद्देश्य से प्रदेश भर में युक्तियुक्तकरण नीति को प्रभावी रूप से लागू किया गया। इस नीति के तहत विद्यालयों में छात्रों की संख्या के अनुरूप शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर शैक्षणिक गुणवत्ता को सुदृढ़ किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने सभी प्रधान पाठकों और शिक्षकों से आह्वान किया है कि वे युक्तियुक्तकरण से सशक्त हुई व्यवस्था का लाभ बच्चों तक पहुंचाएं और विद्यालयों को शिक्षा के आदर्श केंद्र के रूप में विकसित करने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

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