नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण पारदर्शी तरीक़े से एनएमसी के मानकों के अनुरूप : सीजीएमएसी

नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण पारदर्शी तरीक़े से एनएमसी के मानकों के अनुरूप : सीजीएमएसी

रायपुर : – प्रदेश में चार नए मेडिकल कॉलेज भवन के लिए जारी टेंडर को लेकर गड़बड़ी की आशंका जताते हुए डिजिटल वेबसाइट द्वारा प्रसारित खबर को सीजीएमएसी ने भ्रामक बताया है

सीजीएमएसी ने कहा है कि कबीरधाम , मनेंद्रगढ़ , जांजगीर और दंतेवाड़ा के गीदम में बनने वाले नए मेडिकल कॉलेज भवनों के लिए जारी टेंडर एनएमसी के मानकों के अनुरूप है . टेंडर पूरे पारदर्शी ढंग से शासकीय नियमों के अनुरूप जारी किया गया है . इस पर संदेह व्यक्त करना और भ्रामक खबर प्रसारित करना कतई उचित नहीं है .

सीजीएमएसी ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि राज्य में चार मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए जारी किए गए टेंडर को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक जानकारी फैल रही है . इसलिए इसे स्पष्ट करना अत्यंत आवश्यक हो गया है ताकि सभी संदेह और भ्रामक जानकारी को एक बार में हल किया जा सके .

सीजीएमएससी ने बताया कि टेंडरों का जारी करना निगम की प्रक्रिया का एक नियमित हिस्सा है . टेंडर सार्वजनिक रूप से आमंत्रित किए जाते हैं ताकि पारदर्शिता और लागत-प्रभावी तरीके से आवश्यक मांग और उदेश्य के अनुसार निविदाएं प्राप्त की जा सकें और उक्त टेंडर वित्त विभाग से उचित स्वीकृति प्राप्त करने के बाद जारी किया गया हैं .

हालांकि एक टेंडर 4 मेडिकल कॉलेजों के लिए जारी किया गया है लेकिन प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के प्रत्येक घटक जैसे प्रशासनिक भवन , गर्ल्स हास्टल, ब्वायज हास्टल, शैक्षिक भवन आदि का मूल्य एनएमसी मानकों के अनुसार टेंडर दस्तावेज़ में लिया गया है और वित्तीय बोली का निर्णय इसका मूल्यांकन करने के बाद लिया जाएगा .

कुछ समाचारों में यह रिपोर्ट किया जा रहा कि कुछ स्थानों पर भूमि का निर्धारण नहीं किया गया है जो कि भ्रामक जानकारी है सच्चाई यह है कि सभी स्थानों पर भूमि का निर्धारण कर लिया गया है .

एक प्रसारित समाचार में बताया गया कि बिना सलाहकार के टेंडर जारी किया जा रहा है .यह बात तथ्यहीन है क्योंकि टेंडर इपीसी मोड पर जारी किया गया है और मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञों की एक विभागीय समिति जिसमें डीन , अधीक्षक अभियंता आदि शामिल हैं .

एनएमसी मानकों के अनुसार ड्राइंग और डिजाइन को आईआईटी ( इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजीस) से जांच उपरांत चिकित्सा शिक्षा विभाग के अनुमोदन पश्चात अंतिम रूप दिया जाएगा .

खबरों यह भी भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है कि किसी एक फर्म को कार्य आदेश दिए जाने पर वह मनमानी करेगा जबकि सत्य तो यह है कि निविदा दस्तावेज में नियम एवं शर्तों का उल्लेख है . फर्म को निविदा नियमानुसार ही कार्य किया जाना होगा निविदा नियम का उलंघन किये जाने पर निविदा नियमानुसार कार्यवाही किया जायेगा । जिसका प्रशासनिक नियंत्रण सीजीएमएससी के पास ही है।

परियोजना की निगरानी के लिए एक अलग पीएमसी टेंडर भी प्रक्रिया में है .

इससे यह साफ परिलक्षित होता है कि सोशल मंच जो भी जानकारियां फैलाई गई वह अपुष्ट और जानकारी के अभाव में फैलाई गई जिसपर सीजीएमएससी ने अपना वक्तव्य स्पष्ट किया है .

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