बोधघाट सिंचाई परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना के संबंध में पीएम से हुई विस्तार से चर्चा – सीएम साय

रायपुर। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बोधघाट सिंचाई परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना के संबंध में विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से चर्चा कर बस्तर संभाग के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से इन परियोजनाओं की स्वीकृति को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
उन्होंने बताया कि बस्तर लंबे समय तक नक्सल प्रभावित रहा है और इसलिए सिंचाई क्षमता बढ़ाने हेतु यहाँ बहुत काम नहीं हो पाया है। बस्तर में कुल बोये गए क्षेत्र 8.15 लाख हेक्टेयर में से केवल 1.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही सिंचाई सुविधाएँ विकसित हो पायी है। अब प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में बस्तर में तेजी से नक्सल उन्मूलन हो रहा है और बस्तर शांति और विकास की ओर द्रुत गति से बढ़ रहा है। ऐसे में बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना पूरे बस्तर में कृषि विकास और रोजगार को बढ़ाने में मदद करेगी। दोनों परियोजना बस्तर को सक्षम, विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
दोनों परियोजनाओं की कुल लागत 49000 करोड़ है। प्रस्तावित बोधघाट सिंचाई परियोजना से दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले के 269 गांव लाभान्वित होंगे, इससे खरीफ और रबी सीजन में 3,78,475 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, परियोजना से 125 मेगावाट बिजली उत्पादित होगी। इससे 49 मि.घ.मी. पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित होगी और 4824 मीट्रिक टन वार्षिक मत्स्य उत्पादन जैसे अतिरिक्त रोजगार का सृजन होगा।
इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना द्वारा इंद्रावती नदी का लगभग 100 टी.एम.सी. ( 2830 मि.घ.मी.) जल महानदी कछार में स्थानांतरित करने की योजना है जिससे कांकेर जिले की भी 50,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सहित कुल 3,00,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। अर्थात् दोनों परियोजनाओं से लगभग 7 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना और इंद्रावती- महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में क्रियान्वित किया जाना प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री ने इसे गंभीरता से सुना और इस पर विचार करने की बात कही। निश्चित ही बस्तर के सर्वांगीण विकास का छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य सफल होगा। बस्तर में विकास, प्रगति और नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *