स्वास्थ्य महकमे का करिश्माई बाबू जिसकी पहुँच मंत्री से भी ऊपर , इस बाबू के बिना विभाग में नई डोलता पत्ता , इशारे में पूरा विभाग : –

स्वास्थ्य महकमे का करिश्माई बाबू जिसकी पहुँच मंत्री से भी ऊपर , इस बाबू के बिना विभाग में नई डोलता पत्ता , इशारे में पूरा विभाग : –

रायपुर : – स्वास्थ्य विभाग में तमाम गड़बड़ियों के देखते हुए वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ में सीजीएमएससी का गठन किया गया वर्ष 2012 के बाद से ही सीजीएमएससी घोटालों और भ्रष्टाचार में लिप्त हो गई . सीजीएमएससी से खरीदी को लेकर पूर्ववर्ती सरकार में करोड़ो के घोटाले के आरोप भी लगे लेकिन आज पर्यन्त मामले में कार्रवाही नही हुई कार्रवाही न होने का परिणाम यह निकला कि सीजीएमएससी घोटाले और भ्रष्टाचार के नित नए आयाम गढ़ता जा रहा है , सिर्फ सीजीएमएससी ही नही स्वास्थ्य  विभाग का पूरा अमला ही घोटालों और भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है .

हेल्थ डारेक्टरेड का करिश्माई बाबू : –

हेल्थ डारेक्टरेड में दशकों के पदस्थ एक ऐसा करिश्माई बाबू है जिसकी पहुँच मंत्रियों से भी ऊपर है इस बाबू के बिना विभाग का एक पत्ता भी नही डोलता इस बाबू के ही इशारे में पूरा विभाग चलता है इतना ही नही मंत्री अगर किसी मामले में हेल्थ डारेक्टर को फोन लगाते है तो पहले हेल्थ डारेक्टर को इस बाबू से परमिशन लेनी पड़ती है जबतक यह बाबू किसी चीज का अप्रूवल नही दे देता तब तक कोई भी फाइल आगे नही सरकती है . इसी करिश्माई तरीके से यह बाबू वर्षों से एक ही जगह पदस्थ है कई अफसर आये और बदल गए मगर यह बाबू अपनी कुर्सी से तस से मस नही हुआ .
इस बाबू के बारे में बताया जाता है कि तत्कालीन सरकार के पूर्व मंत्री उनके ओएसडी आनंद सागर द्वारा बैठाया गया नुमाइंदा है . कमीशन और भ्रष्टाचार की काली कमाई इस बाबू को द्वारा हर टेबल में पहुँचाई जाती है जिसमे यह पारंगत है . विभाग में अफसर चाहे कोई भी आये मगर विभाग की चाभी इस करिश्माई बाबू के ही जेब मे रहती है .

बाबू ने बनाई करोड़ो की संपत्ति : –

बताते है कि इस बाबू ने घोटाले और भ्रष्टाचार से करोड़ो की बेनामी संपत्ति बनाई है अंदाजा लगाइए एक बाबू करोड़ो का आसामी है इस बाबू को विभाग में 10 % कमीशन बाबू कहा जाता है कोई भी कार्य हो कोई भी फाइल हो वह इस बाबू के बचकर नही निकल सकती है अगर किसी को कोई फाइल आगे बढ़ानी है तो इस बाबू को चढ़ोत्तररी के रूप में 10 % कमीशन देना पड़ता है अगर 10 % बाबू को नही मिलता तो चाहे मंत्री बोले या हेल्थ डारेक्टर वह फाइल किसी कीमत में आगे नही बढ़ेगी चूंकि इस बाबू की पैठ विभाग के अफसरो और मंत्री से ज्यादा है .

आप सोच रहे होंगे कि आखिर कौन है यह करिश्माई बाबू जिसके इशारे में विभाग नाच रहा है तो बताते चले इस बाबू का नाम मदन विश्वकर्मा है जो हेल्थ विभाग (डारेक्टरेड)  में अंगद के पैर की तरह टिका हुआ है जबकि सामान्य प्रशासन विभाग और नियमतः 3 सालों खरीदी क्रय शाखा में पदस्थ लोगों का स्थानांतरण किया जाना चाहिए मगर इस बाबू का स्थानांतरण करने की जहमत किसी ने नही उठाई लिहाजा इस बाबु के आगे पूरा विभाग नतमस्तक है अब देखना यह है कि मामले में विभाग क्या कार्रवाही करता है या इसी तरह इस बाबू को भ्रष्टाचार की खुली छूट देता है .

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