- आबकारी विभाग का रिश्वत खोर बाबू 15 साल में कमाए करोड़ो रुपये , 6 साल पहले हुई थी ACB में शिकायत मिली करोड़ो की बेनामी संपत्ति
बिलासपुर : – आबकारी विभाग में पदस्थ एक बाबू जिसने अपने कार्यकाल में करोड़ो की बेनामी संपत्ति अर्जित की है छह वर्ष पूर्व इस बाबू के खिलाफ ACB(एंटी करप्शन ब्यूरो ) में शिकायत हुई थी शिकायत की जांच में पाया गया कि उक्त बाबू ने अपने सर्विस काल में करोड़ो की चल अचल संपत्ति बनाई है ।
मामला न्यायधानी का है जहाँ आबकारी विभाग में पदस्थ एक लिपिक दिनेश कुमार दुबे के खिलाफ छः वर्ष पूर्व आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया गया था . आबकारी सहायक आयुक्त कार्यालय में पदस्थ दुबे के पास से करीब 5 करोड़ की संपत्ति मिली थी । दुबे मूलरूप से मस्तूरी के पास ग्राम पाराघाट का निवासी है। वर्ष 2009 में उसने नौकरी ज्वाइन की थी। जिसकी एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को उसके खिलाफ शिकायत मिली थी।
9 साल की नौकरी में कैसे कमाए 5 करोड़ रुपए
वर्ष 2018 में एसीबी में शिकायत के बाद पदस्थ बाबू दिनेश कुमार दुबे के खिलाफ जांच हुई जांच में जो सामने आया उसके बाद ACB के पैरों तले जमीन खिसक गई थी कि कैसे एक बाबू ने रिश्वत से करोड़ो की बेनामी संपत्ति बनाई है मामले की पड़ताल हुई पड़ताल में सारी शिकायत सही पाई गई . छापेमार कार्रवाही में इस बाबू के पास से पांच करोड़ की बेनामी संपत्ति का पाई गई .
जांच में मिले 4 आलीशान मकान, यूक्रेन में एमबीबीएस कर रही बेटी : –
ACB ने जांच में पाया कि कुदुदंड में 1200 स्कवेयर फीट का दो मंजिला व 1000 स्क्वेयर फीट का सड़क किनारे मकान , गंगानगर व भारतीय नगर में 2-2 हजार स्केवयर फीट के मकान। पत्नी के नाम पर चकरभाठा में 2 एकड़ जमीन। भारतीय स्टेट बैंक में चार ज्वाइंट एकाउंट, हर एक में 9 लाख रुपए जमा हैं। उसकी कुल संपत्ति करीब 5 करोड़ रुपए आंकी गई है। इसके अलावा पैतृक गांव में दो एकड़ जमीन है। दुबे की बेटी यूक्रेन में एमबीबीएस कर रही है। इसमें भी उसने लाखों रुपए खर्च किए हैं।
कार्रवाही शून्य
इतने बड़े घोटाले की शिकायत और ACB की जांच के बाद भी आज पर्यन्त तक उक्त बाबु के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाही नही की गई जिससे इस बाबू के हौसले बुलंद है यह बाबू आज भी बिलासपुर आबकारी विभाग में बैठकर जमकर वसूली का कारोबार चला रहा है जबकि नियमतः इतनी बेनामी संपत्ति और रिश्वतखोरी के मामले में तत्काल इस बाबू पर कार्रवाही करते हुए बर्खास्त किया जाना था मगर जाने क्या कारण है कि आबकारी विभाग के उच्चाधिकारियों की इस बाबू पर कार्रवाही करने में हाथ पांव फूल रहे है .
अंगद के पांव की तरह 7 वर्षो से जमा है यह बाबू
बता दे कि बीते 7 वर्षो से यह बाबू बिलासपुर में ही पदस्थ रहकर रिश्वतखोरी कर रहा है इसके द्वारा कहा भी जाता है कि सरकार चाहे किसी की जाए मेरा ट्रांसफर या मुझपर कोई कार्रवाही नही करा सकता है . इससे लगता है कि पूर्ववर्ती सरकार और वर्तमान सरकार में सालों से एक ही जगह पर जमे अधिकारियों के संरक्षण की वजह से इसपर कोई कार्रवाही नही की जाती आबकारी विभाग में वर्षो से अंगद की तरह पैर टिकाए ऊपर से लेकर नीचे तक के अधिकारियों की चैन बनी हुई है जबतक यह लंबी चैन नही टूटेगी तब तक कार्रवाही होना नामुमकिन जैसा लगता है .
सुशासन की सरकार का बट्टा लगा रहा एक बाबू : –
प्रदेश में सत्ता बदल गई और साय की सुशासन वाली सरकार आ गई आबकारी विभाग प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय के पास है मगर सुशासन की सरकार का बट्टा लगाने वाले इस बाबू को जाने किसका वरदहस्त प्राप्त है कि भी सरकार आये इस बाबू पर कार्रवाही नही करता जबकि इस बाबू के कारनामे जगजाहिर है .
मामले में साय की सुशासन वाली सरकार को चाहिए कि उक्त बाबू की जांच पुनः कराई जाए और कठोर कार्रवाही सुनिश्चित की जाए ताकि आम जन का भरोषा कायम हो पाए अन्यथा आगामी नगरीय और पंचायत चुनाव में ऐसे रिश्वतखोर बाबू की वजह से सुशासन की सरकार का पलीता लगते देर नही लगेगी .