सूबे के मुखिया की सुरक्षा में बड़ी चूक , पिछली सरकार के अफसर ही संभाल रहे सीएम सुरक्षा , तीन माह की सरकार में सीएम सुरक्षा में सेंधमारी ,

सूबे के मुखिया की सुरक्षा में बड़ी चूक , पिछली सरकार के अफसर ही संभाल रहे सीएम सुरक्षा , तीन माह की सरकार में सीएम सुरक्षा में सेंधमारी ,
रायपुर : – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है . दरअसल, 25 फरवरी की शाम एक युवक पिस्टल लेकर सीएम हाउस में घुस गया था . यह शख्स लाइसेंसी पिस्टल लेकर सीएम आवास तक आ गया लेकिन सीएम कक्ष के बाहर उसे रोक लिया गया . फिर उस शख्स की पिस्टल जब्त कर ली गई. बताया जा रहा है कि यह शख्स मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात करने के लिए आया था. फिलहाल सुरक्षा में हुई चूक के इस मामले में खानापूर्ति कर दी गई है मगर सीएम की सुरक्षा में इस तरह से सेंधमारी से कई गंभीर सवाल खड़े होते है . जबकिं प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की बीजेपी सरकार को सत्ता में आए तीन माह भी नही बीते है .
पिछली सरकार के अफसरो के माथे सीएम सुरक्षा : –
सवाल यह उठता है कि आखिर सीएम की सुरक्षा में इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो गई सुरक्षा में सेंधमारी से कई अहम सवाल खड़े होते है चूंकि यह प्रदेश में मुखिया की सुरक्षा का मसला है सीएम सुरक्षा में हुई इस चूक में खानापूर्ति करते हुए एडीजी इंटेलिजेंस ने आठ सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया सूबे में सरकार तो बदली मगर सरकारी तंत्र जस का तस है वही पिछली कांग्रेस सरकार में पदस्थ रहे अफसर वर्तमान भाजपा सरकार में सीएम सुरक्षा संभाल रहे है जिसमे एसपी सुरक्षा प्रफुल्ल ठाकुर (अतरिक्त पुलिस अधीक्षक ) पंकज शुक्ला एडिशनल एसपी सीएम सुरक्षा इनके जिम्मे है छोटे सुरक्षाकर्मियों पर तो गाज गिर गई मगर इन अफसरो पर क्या कार्रवाही की जाती है यह देखने वाली बात होगी .
उल्लेखनीय है कि भाजपा सरकार में जिस तरह की गतिविधियां हो रही है वह बताने के लिए काफी है कि किस तरह पुराने अफसर सरकार की छवि धूमिल करने से बाज नही आ रहे है बीते दिनों भी EOW के छापों की खबर घंटों पहले लीक हो गई थी इस लीक और चूक में कौन कौन अफसर शामिल है इसकी गहनता से जांच कराए जाने की जरूरत है .
सुरक्षा चूक और सूचनाएं लीक लोकसभा चुनाव क्या डालेगी असर : –
सीएम सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक और महत्वपूर्ण सूचनाओं का लीक होने बताता है कि सरकार में सब कुछ अच्छा नही चल रहा है सत्ता परिवर्तन हुए तीन माह होने को है मगर सियासत के भीतरखानो का ढर्रा वही पुराने रवैये से ही चलाया जा रहा है ऐसी घटनाएं बताती है कि सत्ता में अफसर शाही कितनी हावी है यह अफसरशाही गोपनीय सूचनाएं यहाँ तक कि सीएम की सुरक्षा के मामले में भी गंभीर नही है इस चूक और लीक मामले में अगर सरकारी नुमाइंदे गंभीर नही है तो निश्चित ही सरकार को इन मामलों में गंभीरता दिखानी चाहिए ताकि इस तरह की चूक और लीक न दोहराई जाए
बताते चले कि आगामी दो माह बाद लोकसभा चुनाव है होने वाले इस लोकसभा चुनाव में इस तरह की गतिविधियां बहुत गहरा प्रभाव डाल सकती है पुराने ढर्रे में चल रही अफसरशाही से सरकार को अंकुश लगाते हुए सुरक्षा बदलाव करने की बेहद जरूरत है .