कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी और निरंतर स्पीच थैरेपी से शैक्षणिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर भावना, नंदिनी और जीत बने मिसाल

00 इन बच्चों ने साबित किया – समर्पण और सही मार्गदर्शन से हर चुनौती को पार किया जा सकता है
रायपुर। कैसे आकाश में सूराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो।” जब बात जोश, जज्बे, समर्पण और मेहनत की हो तब हिंदी साहित्य के प्रख्यात कवि दुष्यंत कुमार त्यागी की कविता संग्रह “साये में धूप” की ये पंक्तियां बरबस मन में कौंध जाती हैं और इन्हीं पंक्तियों को सार्थक किया है छात्रा भावना पटेल (16 वर्ष), नंदिनी पिल्लई (16 वर्ष) और छात्र जीत पटेल (17 वर्ष)ने। इन तीनों विद्यार्थियों ने सुनने में अक्षम बच्चों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है। इन्होंने पं.ज.ने. स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के अंतर्गत संचालित नाक, कान व गला रोग विभाग में कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी और निरंतर स्पीच थैरेपी कराकर सामान्य स्कूल में पढ़ाई की एवं वर्तमान में भावना पटेल ने कक्षा 11वीं (सी.जी. बोर्ड) में 86 प्रतिशत, नंदिनी पिल्लई ने कक्षा 10वीं (सीबीएसई बोर्ड) में 77.05 प्रतिशत तथा छात्र जीत पटेल ने कक्षा 10वीं (सीबीएसई बोर्ड) में 90.6 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सभी को गौरवान्वित किया है।
विभागाध्यक्ष डॉ. हंसा बंजारा के अनुसार ; भावना पटेल, नंदिनी पिल्लई एवं जीत पटेल बचपन से ही श्रवण बाधित थे, लेकिन माता-पिता, शिक्षकों तथा चिकित्सा विशेषज्ञ के प्रयासों से इन बच्चों ने न केवल सुनना और बोलना सीखा, बल्कि शिक्षा में भी उत्कृष्टता हासिल की। कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी के बाद स्पीच थैरेपी की मदद से इनकी संचार क्षमता में सुधार हुआ और इन्होंने नियमित विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की।
अम्बेडकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर विद्यार्थियों की सफलता पर बधाई देते हुए कहते हैं – डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के नाक, कान, गला रोग विभाग में कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी शासन की स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत निशुल्क की जाती है। इस संस्थान की प्रमुख सर्जन डॉ. हंसा बंजारा के द्वारा अब तक कुल 285 कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी की जा चुकी है। कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी के पश्चात नियमित स्पीच थेरेपी की जाती है जिससे ये बच्चे समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकें। इंप्लांट के पश्चात जो बच्चे नियमित स्पीच थेरेपी लेते हैं, उनकी वाणी एवं भाषा का विकास उचित ढंग से होता है।
बच्चों के माता-पिता ने कहा- विभागाध्यक्ष डॉ. हंसा बंजारा के विशेष मार्गदर्शन एवं सहयोग से हमारे बच्चों का इलाज संभव हो सका। हमें गर्व है कि हमारे बच्चों ने समाज की धाराणाओं को तोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल किया। यह दिखाता है कि अगर सही समय पर सही इलाज और मार्गदर्शन मिले तो कुछ भी असंभव नहीं है।
भावना पटेल, नंदिनी पिल्लई और जीत पटेल की सफलता से कई अन्य विशेष बच्चों और उनके परिवार को प्रेरणा मिलेगी कि समर्पण और सही मार्गदर्शन से हर चुनौती को पार किया जा सकता है।