कोरबा के आनंद टीम ने फोड़ी 5 लाख 51 हजार की दही हांडी
00 टिकरापारा की युवतियों ने मुख्यमंत्री साय की उपस्थिति में तोड़ी 1 लाख 51 हजार की मटकी
00 अन्याय के विरुद्ध लडऩा सबसे बड़ा धर्म – मुख्यमंत्री साय
रायपुर। गुढिय़ारी स्थित अवधपुरी मैदान में आयोजित विशाल दही हांडी उत्सव कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न गोविंदा टोलियों ने हिस्सा लिया लेकिन 5 लाख 51 हजार की ईनामी राशि वाली दही हाण्डी को कोरबा जिले के आनंद गोविंदा टोली ने 7 फीट ऊंचा पिरामिड में 7वें पिरामिड के ऊपर चढ़कर तोड़ा। इसी के साथ टिकरापारा समिति की युवतियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, विधायक श्री किरण सिंहदेव, श्री ईश्वर साहू, गुरु खुशवंत साहेब, श्री मोतीलाल साहू तथा स्वामी श्री राजीव लोचन महाराज, श्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, आयोजन समिति के संयोजक बसन्त अग्रवाल की उपस्थित में मटकी को तोड़ा और उन्हें मुख्यमंत्री साय ने 1 लाख 51 हजार रुपये की ईनामी राशि सौंपा। जैसे ही आनंद और युवतियों ने मटकी फोड़ी, मैदान में हर कोई खुशी में झूम उठा।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दही हांडी उत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने अपनी लीला से हमें जीवन जीने की कला सिखाई है। महाभारत में श्री कृष्ण ने अन्याय के विरुद्ध लडऩे का संदेश दिया। अन्याय के खिलाफ लडऩा ही सबसे बड़ा धर्म है। भगवान श्री कृष्ण ने हमें कर्म की प्रधानता की शिक्षा दी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री कृष्ण प्रकृति प्रेमी थे। जब हम भगवान कृष्ण को याद करते हैं तो हमें यमुना नदी का किनारा याद आता है, बांसुरी की तान याद आती है और गौ माता का झुंड याद आता है। सनातन धर्म में प्रकृति की पूजा की जाती है। पीपल, बरगद आदि वृक्षों को पूजनीय माना गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी एक पेड़ मां के नाम लगाने का आह्वान किया है। मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे अपनी माँ के नाम से एक पेड़ जरूर लगाएं। भगवान कृष्ण के प्रति भी हमारी सच्ची श्रद्धा तभी प्रकट होगी, जब हम एक पेड़ मां के नाम लगाकर प्रकृति के प्रति अपना दायित्व पूरा करेंगे।
कोरबा जिले से 30 सदस्यों के साथ पहुंची आनंद गोविंद टोली ने 7 लेयर का पिरामिड बनाकर 5 लाख 51 हजार रुपये की ईनामी राशि वाली दण्ही हाण्डी को तोड़ऩे में सफल रही है। पहले और दूसरे लेयर में 6-6 सदस्य शामिल थे, जिसके बाद प्रत्येक लेयरमें 5-5 सदस्य शामिल हुए और 6 लेयर बनने के बाद 7वें लेयर में 18 वर्षीय युवक ने पिरामिड की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद जय श्री कृष्ण का जयकारा लगाकर मटकी को फोड़ा। इसके बाद मैदान में तालियों और जयकारों की आवाज गूंज उठी और मैदान में हर कोई खुशी में झूम उठे।