राज्य गठन के उपरांत कई IAS अफसर बने नजीर , प्रशासन से शासन में आये और बदल दी सूबे की सियासत
ऐसे ही एक IAS अफसर जो लोकसभा में कर सकते है दावेदारी
रायपुर : – छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से ही कई ऐसे IAS अफसर रहे है जिन्होंने प्रदेश की सियासत में आकर सत्ता और सियासत की तस्वीर बदल कर रख दी साथ ही ऐसा नजीर पेश किया जो यह बताता है कि सूबे को प्रशासनिक अमले में बैठे लोग भी चला सकते है जिसमे पहला नाम अगर लिया जाएगा तो सूबे के पहले मुखिया अजित प्रमोद जोगी का नाम आएगा जिन्होंने प्रशासनिक पद से इस्तीफा देकर राजनीति में आये और एक कीर्तिमान रचकर पहले मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त किया इसी कड़ी में अगर बात की जाए वर्तमान वित्त मंत्री ओपी चौधरी की तो उन्होंने भी अपनी कलेक्ट्री से इस्तीफा दिया और चुनाव लड़े हालांकि पहली बार उन्हें शिकस्त का समाना जरूर करना पड़ा मगर 2023 में वह रायगढ़ से चुनाव लड़कर सबसे ज्यादा बहुमत से जीत दर्ज की वर्तमान में ओपी चौधरी वित्त विभाग का दायित्व संभाल रहे है .
ऐसा ही एक नाम राजनांदगांव लोकसभा सीट से भी उभकर सामने आ रहा है बताते चले कि राजनांदगांव विधानसभा सीट से 2009 बैच के IAS ( allied) अधिकारी है जो राजनांदगांव लोकसभा से भाजपा के बैनर तले अपनी किस्मत आजमा सकते है उक्त अफसर कुर्मी ओबीसी वर्ग से आते है राजनांदगांव लोकसभा में कुर्मी ओबीसी की जनसंख्या बहुतायत में है
राजनांदगांव लोकसभा सीट का गणितीय खेल : –
राजनांदगांव सीट में 8 विधानसभा सीटे है जिसमे 6 सीट राजनांदगांव जिले में है और दो सीट कवर्धा (कबीरधाम ) जिले में आते है राजनांदगांव जिले के 6 विधानसभा सीटों में पांच सीटो में कांग्रेस का कब्जा है तो वही सिर्फ एक सीट ही बीजेपी के खाते में दर्ज है यह एक सीट राजनांदगांव सीट ही है जहाँ से पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह वर्तमान में विधायक है बताते चले कि डॉक्टर रमन सिंह भी मूलतः कवर्धा जिले से आते है मतलब रमन सिंह के पंद्रह साल के मुख्यमंत्रित्व काल होने के बाउजूद राजनांदगांव जिला भाजपा विहीन है .
राजनांदगांव का जातीय समीकरण : –
राजनांदगांव लोकसभा सीट के जातीय समीकरण की अगर बात की जाए तो 70 % आबादी ओबीसी वर्ग से आती है वही 10 % SC वर्ग के है वही लगभग 10 % ST वर्ग के लोग निवास करते है . राजनांदगांव लोकसभा सीट में कुल 8 विधायक और एक सांसद मिलाकर नौ जनप्रतिनिधि निर्वाचित होकर आए है . जिसमे पांच विधायक कांग्रेस के है पांचों के पांचों राजनांदगांव जिले से आते है . जिसमे एक ST वर्ग से एक SC वर्ग से और 3 OBC वर्ग से आते है लोकसभा के नौ निर्वाचित जनप्रतिनिधियों में भाजपा के चार प्रतिनिधि है 3 विधायक और एक सांसद चारो राजनांदगांव लोकसभा के कवर्धा जिले से आते है .
राजनांदगांव में ओबीसी कार्ड बीजेपी के लिए हो सकता है कारगर : –
राजनांदगांव लोकसभा सीट में ओबीसी बहुतायात होने के बाउजूद भी ओबीसी प्रतिनिधित्व दिखलाई नही पड़ता इस बार भाजपा राजनांदगांव लोकसभा सीट से ओबीसी कार्ड खेल सकती है और ओबीसी चेहरे को लोकसभा चुनाव में उतार सकती है .
इशारों में समझिए कौन है वो अधिकारी जिसपर भाजपा की नजर : –
इशारों में समझाने का प्रयास करे तो ओबीसी वर्ग में एक आईएएस का नाम काफी चर्चा में बना हुआ है वह नाम इसलिए भी चर्चित है चूंकि उक्त आफिसर का परिवार शुरू से जनसंघ और आरएसएस से जुड़ा हुआ है . उक्त अफसर की पारिवारिक पृष्ठभूमि भाजपा समर्पित रही है जो नगर निगम में पार्षद भी रह चुके है . उक्त अफसर केन्द्र सरकार मे , राज्य सरकार मे और जिला मे विभिन्न उच्च पदो पर कार्य कर चुके है
उल्लेखनीय है कि फरवरी लास्ट या मार्च फस्ट वीक में भाजपा अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर देगी जिसपर केंद्रीय भाजपा तमाम चिंतन और मंथन करने में लगी हुई है इस मंथन और चिंतन में जो नाम राजनांदगांव लोकसभा सीट से आ रहा है वह काफी चर्चित नाम है देखना यह है कि भाजपा का ओबीसी कार्ड लोकसभा में कितना कारगर सिद्ध होता है हालांकि उक्त अधिकारी के नाम की चर्चा राज्य से लेकर दिल्ली तक दौड़ रही है