CAT के बाद IPS जीपी सिंह को हाईकोर्ट से भी बड़ी राहत , कोर्ट ने दर्ज एफआईआर पर लगाई रोक ,
बिलासपुर : – छत्तीसगढ़ पुलिस के सीनियर अधिकारी IPS जीपी सिंह को CAT (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) से बड़ी राहत मिली है CAT ने चार सप्ताह में जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को निराकृत कर बहाल किए जाने का आदेश दिया है . CAT के आदेश के बाद जीपी सिंह को हाईकोर्ट बिलासपुर से भी राहत मिली है कोर्ट ने जीपी सिंह पर दर्ज एफआईआर पर रोक लगा दी है .
दरअसल मामला वर्ष 2015 का है जब जीपी सिंह दुर्ग आईजी थे और सूबे में भाजपा की सरकार थी तब दुर्ग के निवासी कमल सेन का बिल्डर सिंघानिया से व्यवसायिक लेनदेन को लेकर काफी विवाद हुआ था इसी विवाद के बीच सिंघानिया ने तत्कालीन दुर्ग आईजी से फोन में बात करने की बात कही मगर उस दौरान किसी भी प्रकार की बातचीत नही हुई . उक्त घटना को बीते 6 साल के बाद जब 2021 में जब प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में थी तब षणयंत्र पूर्वक मामले के शिकायत हुई और उक्त मामले में 20 लाख रुपये के लेनदेन को लेकर वर्ष 2021 में भयादोहन का अपराध सुपेला थाने में पंजीबद्ध किया गया .
महत्वपूर्ण बात है तब प्रदेश में कांग्रेस की भुपेश सरकार सत्ता में थी उस दौरान आइपीएस जीपी सिंह के खिलाफ कई मामले में अपराध पंजीबद्ध किया गया इतना ही नही उन्हें षणयंत्र पूर्वक फंसाकर जेल भी भेजा गया और बर्खास्त भी किया गया . एक आईपीएस अफसर पर हो रहे इस तरह के षणयंत्र को लेकर उन्होंने CAT में अपील की
कैट ने उनके पक्ष में निर्णय देते हुए राज्य शासन को उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को चार सप्ताह में निरस्त कर बहाल करने का आदेश दिया है .
उल्लेखनीय है कि दुर्ग में 2015 में हुई घटना पर वर्ष 2021 में 6 साल बाद द्वेषपूर्ण और पूर्ववर्ती सरकार की मंशानुरूप अपराध पंजीबध्द किया गया था जिसको लेकर आईपीएस सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी और पूरे तथ्य के साथ मामले को झूठा , षणयंत्र और दुर्भावनावस बताया था उक्त मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डीबी में मामले की सुनवाई की हुई . कोर्ट ने माना कि 6 साल बाद जाकर शिकायतकर्ता ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है जो एक काफी लम्बा समय है . इसके साथ ही किसी लोक सेवक के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने धारा 197 में अनुमति लेनी होती है जो नहीं किया गया . मामले में हाईकोर्ट ने इस एफआईआर पर रोक लगा दी है .
आईपीएस जीपी सिंह पर लगे तमाम आरोप और सभी आरोपो पर न्यायालय का आदेश यह बताता है कि जीपी सिंह एक कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी है जिनपर पूर्ववर्ती सरकार ने तमाम हतकंडे अपनाकर उनके खिलाफ षणयंत्र रचते हुए उन्हें फंसाने की मंशाहत से यह कुकृत्य किया था जिसका परिणाम भी यह निकला कि कांग्रेस आज सत्ता से बाहर हो गई और न्यायालय के आदेश से सत्य की जीत हुई है .