16 साल की नौकरी के बाद स्तीफा , एक और युवा आईएएस जिसके राजनीति में आने के संकेत , लोकसभा में भी उछला था नाम , अब जाकर मिली मंजूरी

16 साल की नौकरी के बाद स्तीफा , एक और युवा आईएएस जिसके राजनीति में आने के संकेत , लोकसभा में भी उछला था नाम , अब जाकर मिली मंजूरी

रायपुर – राज्योदय के बाद से लेकर अब तक कई आईएएस अधिकारी हुए जिन्होंने प्रशासनिक पदों को त्यागकर सियासत में अपना भाग्य आजमाया है और वह सफल भी हुए है। इसकी शुरुआत ही राज्य के प्रथम मुखिया सपनो के सौदागर अजित प्रमोद जोगी ने की थी। जो नौकरशाही से स्तीफा दिया और राज्यसभा सदस्य , लोकसभा सदस्य से लेकर राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बनने का कीर्तिमान रचा। वर्तमान में आईएएस रहे ओम प्रकाश चौधरी ने भी प्रशासनिक सेवा से स्तीफा देकर सियासत की राह चुनी और पहले विधायक का चुनाव जीता और आज वह प्रदेश का वित्त मंत्रालय संभाल रहे है। युवा और शिक्षित लोगो के आने से राजनीति के स्तर सोच-समझ और विकास को नई राह दिखाने में कही न कही बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अजित जोगी भले ही तीन साल मुख्यमंत्री रहे मगर उनके मुख्यमंत्रित्व काल की योजनाओं को आज भी लोग सराहते नजर आते है।

कौन है युवा आईएएस –
हम बात कर रहे है 2009 बैच के आईएएस पोषण लाल चंद्राकर की जिन्होंने पिछले वर्ष जुलाई माह में अपनी सर्विस से इस्तीफा दिया था, जो कि अब जाकर मंजूर हुआ है। पोषण चंद्राकर मूलतः राजनांदगांव के रहने वाले है और कुर्मी समाज ओबीसी वर्ग से आते है। पोषण चंद्राकर की पारिवारिक पृष्ठभूमि जनसंघ और आरएसएस से जुड़ी है। इनके पिता राजनांदगांव नगर निगम में पार्षद भी रह चुके है साथ ही पोषण चंद्राकर केंद्र सरकार , राज्य सरकार और जिले के विभिन्न उच्च पदों पर रहकर अपनी सेवाएं दे चुके है। सेंट्रल सिविल सेवा में आने के बाद से 16 साल तक इन्होंने अपनी सेवाएं छत्तीसगढ़ को दी। अपने मूल विभाग के अलावा बीजापुर और नारायणपुर जिले में जिला पंचायत सीईओ , मंत्रालय में कृषि , स्कूल शिक्षा , समाजकल्याण और महिला बाल विकास में संयुक्त सचिव की जैसी बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। वही वर्तमान भाजपा सरकार आने के बाद उन्हें बीज विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया था। बीज विकास निगम में रहते हुए उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि खत्म हुई थी। इसके बाद उनकी सेवाएं भारत सरकार को लौटा दी गई।

लोकसभा में भी उछला था नाम अब जाकर स्तीफा हुआ मंजूर –
बीते लोकसभा चुनाव के समय भी राजनांदगांव की महत्वपूर्ण सीट से पोषण चंद्राकर का नाम यहाँ से लेकर दिल्ली तक सुर्खियों में रहा तब संचार मंत्रालय से स्तीफे को मंजूरी नही मिली थी। अब जब स्तीफे को मंजूरी मिल गई है तब सियासत में एक और आईएएस की एंट्री ने हलचल मचा दी है। यह हलचल और सियासी सुगबुगाहट में सरकार भी चाहेगी ऐसे योग्य युवा और शिक्षित आईएएस को कही बेहतर जगह मिले। ताकि इनकी योग्यता का सदुपयोग हो सके। लिहाजा कई आयोग है और निगम मंडल है जहाँ इनकी उपयोगिता सिद्ध की जा सकती है।

क्या कहते है पोषण , क्या है आगे की तैयारी –
उक्त स्तीफे को लेकर जब हमने पोषण चंद्राकर से जानने समझने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि प्रशासनिक सेवाओं में रहते हुए वह कई बंदिशों में थे इसलिए वह चाहकर भी आमजन की सेवा और उनकी समस्याओं का निदान नही कर पा रहे थे। चूंकि प्रशासनिक पदो की अपनी सीमाएं है। अब जब उन्हें खुलकर मौका मिलेगा तो वह अपने प्रशासनिक अनुभव के साथ लोगो से ज्यादा कनेक्ट हो पाएंगे। बेरोजगार होती युवा पीढ़ी को रोजगार ने नए अवसर और इसके लिए नए-नए स्किल ताकि युवा अपने रोजगार का माध्यम खुद से तय करे इसके लिए स्किल डेवलपमेंट , पर्सनाल्टी डेवलेपमेंट अन्य तरीके से रोजगार के नए माध्यम खड़े किए जा सकते है। आज का युवा खेती किसानी में कैसे नए तंत्र उपकरण की मदद से कम संसाधनों में ज्यादा पैदावार कर सकता है इसके लिए तमाम विचारों को साझा करते हुए बताया कि यह समय विकसित होते भारत का है। जहाँ के युवाओ को हर फील्ड में आगे आना होगा। इनका स्तीफा और राजनीति में प्रवेश निश्चित ही युवा होती पीढ़ी के लिए मिल का पत्थर साबित होगा।

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