वर्तमान सरकार को नाकाम करने के प्रयास में लगे IPS आनंद छाबड़ा समेत चंद आईपीएस अफसरों का गुट , पहुना में ही नजर आते है IPS शेख आरिफ ताकि शिकायत और आने जाने वालों पर रख सके नजर ,मूणत सीडी कांड में फाइनल रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट भी कुछ नही कर सकती – शेख आरिफ

वर्तमान सरकार को नाकाम करने के प्रयास में लगे IPS आनंद छाबड़ा समेत चंद आईपीएस अफसरों का गुट , पहुना में ही नजर आते है IPS शेख आरिफ ताकि शिकायत और आने जाने वालों पर रख सके नजर ,मूणत सीडी कांड में फाइनल रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट भी कुछ नही कर सकती – शेख आरिफ

रायपुर : – छत्तीसगढ़ प्रदेश में चंद IPS अधिकारयों के उम्मीद से परे भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बना ली है चुनावी परिणाम के बाद से ही इन IPS अफसरों के रंग और होश दोनों उड़ गए है हालात यह हो गए है कि एक तरफ कुआं है और दूसरी ओर खाई जैसे हालात है
चूंकि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस के पक्ष चुनाव जिताने के लिए IPS अफसरों ने अपनी पूरी ताकत ही नही अपने आन , बान और कानून की पूरी प्रतिष्ठा तक झोंक दी इसके बाद भी जो नतीजा जो आया इससे आईपीएस अफसरो के पैरों तले जमीन खिसक गई मसलन स्थिति यह है कि कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई और भाजपा इन अफसरों की करतूतों से वाकिफ हो गई लिहाजा यह IPS अफसर अपनी जमीन बचाने के लिए वर्तमान भाजपा सरकार को नाकाम करने के लिए नए नए हतकंडे अपना रहे है

कांग्रेस को जिताने के लिए IPS आनन्द छाबड़ा आईजी इंटेलिजेंस , IPS शेख आरिफ , अभिषेक माहेश्वरी (राज्य सेवा अधिकारी ) ने स्लीपर सेल की तरह किया काम : –

कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने के लिए इन अफसरों द्वारा विभिन्न विभागों के सरकारी सेवको की पहचान करके लिस्टिंग की गई थी जो कांग्रेस के लिए स्लीपर सेल के रूप में कार्य कर सके . इतना ही नही आईपीएस आनंद छाबड़ा (तत्कालीन खुफिया विभाग के प्रमुख) और अभिषेक माहेश्वरी (राज्य सेवा अधिकारी ) ने कांग्रेस को फायदा पहुँचाने के लिए जमीनी स्तर पर कांग्रेस के राजनीतिक कार्यकर्ताओ की तरह कार्य करने के लिए सिविल ड्रेस में पुलिस कर्मियों की टीमो का गठन किया साथ ही मरवाही , दंतेवाड़ा , खैरागढ़ उपचुनाव में एसडीओपी सहित पुलिस कर्मियों को पुलिस वाहनों में शराब/नगदी/चुनावी प्रलोभन वाली सामग्रियां ले जाने के लिए निर्देशित भी किया गया उक्त सिविल ड्रेस पुलिसकर्मियों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया गया था सिविल ड्रेस में विशेष रूप से छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के पुलिस कर्मियों को प्रचार और मौखिक प्रचार के लिए दुरुपयोग किया गया .
कांग्रेस के पक्ष में माहौल बन सके इसके लिए जंगल विभाग के अधिकारियों को भी शामिल किया गया जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण है कि खैरागढ़ उपचुनाव के समय चुनाव के ठीक पहले खैरागढ़ DFO को की पोस्टिंग आनंद छाबड़ा ने करवाई जिसने वन कर्मियों से सम्बंधित लगभग 20 हजार वोट में डीएफओ द्वारा कांग्रेस के पक्ष में लगभग 13 हजार वोट दिलवाए गए .

पहुना में नजर आते है शेख आरिफ ताकि शिकायत और आने जाने वालों पर रख सके नजर : –

जब से सूबे में सत्ता परिवर्तन हुआ है तब से IPS आरिफ शेख़ पहुना में ही अपनी बैठकी ले रहे है और नजर बनाकर रखे हुए है कि कही इनकी कारगुजारियों को लेकर शिकायत न हो जाये पहुना में आने जाने वालों पर पैनी निगाह रखी जा रही है और एक एक दस्तावेजो को चेक करके ही ऊपर भेज रहे है
महत्वपूर्ण बात है कि सूबे में सत्ता परिवर्तन तो हो गया मगर आरिफ शेख आज भी अपने पद पर बरकरार है जिससे आमजन में खासा दहशत है जबकि नियमतः सरकार बदलते साथ ही कांग्रेस के प्रचारक रहे IPS शेख आरिफ पर कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए थी मगर आज पर्यंत तक कार्यवाही तो दूर इन्हें पद से भी नही हटाया गया यह आज भी ACB जैसे पद में बैठकर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पुरानी फाइलों और अपने कारनामो के दस्तावेजो को या तो नष्ट कर रहे है या दस्तावेजो को आग लगवा रहे है ऐसे में जरूरी हो जाता है कि ऐसे भ्रष्ट अफसर पर सरकार को नकेल कसते हुए तत्काल इन्हें ACB से प्रथक कर इनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए
बता दे कि शेख आरिफ पहुना में बैठकर यह कहते हुए नजर आ रहे है कि उनकी भाजपा में भी सेटिंग हो गई है और वह कांग्रेस शासन में जो पैठ रखते थे वह पैठ आज भी बरकरार रहेगी .

मूणत सीडी कांड मामले में फाइनल रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट भी कुछ नही कर सकती – शेख़ आरिफ

आईपीएस शेख आरिफ ऐसे अफसर है जो खुद को माननीय सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर समझते है जिसका खुलासा आरिफ शेख और अनिल टुटेजा के चैट्स में जिक्र है
दरअसल मामला सूबे के चर्चित मूणत सीडी कांड से जुड़ा है राजेश मूणत भाजपा के कद्दावर नेता है और वर्तमान में विधायक भी है उनका जिक्र करते हुए आरिफ कहते है कि मामले में आरोपियों की फाइनल रिपोर्ट लगवा दी गई है अब इस मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट भी कुछ नही कर सकता है
चैट्स से यह तो स्पष्ट होता है कि शेख साहब मामले में गवाह और हलफनामा देने वाले प्रकाश बजाज को किस तरह प्रताड़ित किया गया साथ ही गवाहों को डराया धमकाया और झूठी एफआईआर तक दर्ज की गई इसके बाद मामले में झूठी और फेक रिपोर्ट बनाकर माननीय सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की गई जिसपर दम्भ भरते हुए शेख साहब टुटेजा को बता रहे है कि अब मामले में सुप्रीम कोर्ट भी कुछ नही कर सकता है .
ऐसे में सवाल यह उठता है कि कैसे अपने पद का दुरुपयोग करते हुए शेख साहब सुप्रीम कोर्ट में झूठी और फेक रिपोर्ट प्रस्तुत कर आरोपियों को बचाने का कुचक्र रच रहे है मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना और झूठे साक्ष्य प्रस्तुत किये जाने को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा न्यायिक जांच होनी चाहिए ताकि ऐसे अफसरों पर अंकुश लगाया जा सके जो खुद को कानून और न्यायालय से भी ऊपर समझते है .

विदित हो कि मामले की शिकायत भाजपा के नेता नरेश चंद्र गुप्ता ने बीते सत्र के जुलाई माह में मामले को लेकर इलेक्शन कमीशन , प्रधानमंत्री , ग्रह मंत्रालय समेत तमाम जगहों में की थी मगर तत्कालीन समय मे कांग्रेस सत्ता में थी शिकायत से बौखलाए अफसरो ने भाजपा नेता नरेश चंद्र गुप्ता पर भी दबाव बनाने का भरकस प्रयास किया अपने नरेश चंद्र गुप्ता अपनी शिकायत पर अड़िग रहकर मामले की जांच के लिए लगे रहे
अब जब सत्ता भी परिवर्तन हो गया है तब यह उम्मीद और भी प्रभावी हो जाती है कि ऐसे भ्रष्ट और भा.पु.से. जैसे गरिमामयी पदों में बैठकर इसका दुरुपयोग करने वाले अफसरों पर जल्दी ही कार्यवाही की जाएगी .

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