छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य 6691 गांवों का होगा कायाकल्प

00 प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान
00 आदिवासी परिवारों के सामाजिक-आर्थिक विकास सहित गांवों में अधोसंरचनात्मक सुधार किए जाएगें
रायपुर। छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों में साढ़े 6 हजार से अधिक गांवों में लोगों के बेहतर जीवन स्तर के लिए ‘प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान’ के अंतर्गत गांवों में आविवासी परिवारों के सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ-साथ सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का राज्य में बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट द्वारा हाल में ही इस योजना को मंजूरी दी गई है। इस अभियान के तहत आदिवासी बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में आदिवासी परिवारों के सामाजिक-आर्थिक विकास संबंधी उपलब्धि अर्जित करने, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, कनेक्टिविटी एवं लाईवलीहुड आदि अत्यावश्यक सेक्टर्स का अधोसंरचनात्मक सुधार के कार्य किए जाएगें।
आदिम जाति विकास मंत्री श्री नेताम ने बताया कि राज्य में कुल 30.62 प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या निवास करती है। अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों के विकास हेतु भारत सरकार द्वारा राज्य के कुल 4029 ग्रामों का चिन्हांकन किया गया है। जिनमें से वर्ष 2021-22 में 1530 ग्रामों का चयन किया गया था। उक्त ग्रामों में प्रति ग्राम 20.38 लाख के मान से राशि की स्वीकृति प्रदान की जाकर कार्यो का क्रियान्वयन किया जा रहा है। वहीं 733 ग्रामों की ग्राम विकास योजना केन्द्र सरकार को स्वीकृति के लिए प्रेषित की गई है। शेष 1766 ग्रामों की विजेअ डेवलपमेंट प्लान (टक्च् जिलों से तैयार कराई जा रही है।

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