जगदलपुर। बस्तर संभाग के घुर नक्सल प्रभावित इलाके परिया, सलातोंग, टेकलगुडेम, पूवर्ती, नेरली घाटी, छुटवही में जहां पहली बार राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया गया। इसके साथ ही एक करोड़ के ईनामी नक्सली कमांडर हिड़मा के गृहग्राम पूवर्ती में भी ग्रामीणों ने पुलिस जवानों के साथ मिलकर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया है। उक्त गांवों में स्वतंत्रता दिवस मनाए जाने की कहानी हम आप को इसलिए बता रहे हैं, क्योंकि पिछले स्वतंत्रता गणतंत्र दिवस 2024 तक इन गांवों में गनतंत्र यानी नक्सलियों का राज चलता था, यहां राष्ट्रीय ध्वज फहराने की मनाही थी, उक्त इलाके नक्सलियों के चंगुल में थे, इन इलाकों में नक्सली काला झंडा फहराते थे।
वहीं दूसरी अेार 26 जनवरी 2024 गणतंत्र दिवस के बाद बस्तर संभाग के 8 गांव इनमें कांकेर के पानीडोबरी, बीजापुर के गुंडम, पुतकेल, नारायणपुर के कस्तूरमेटा, इरकभट्टी, मसपुर, मोहंदी लखापाल पुलनपाड़ में पुलिस फोर्स ने अपनी दस्तक दी। इन गांव को नक्सलियों के चंगुल से आजाद करवाकर यहां कैंप स्थापित कर इन इलाकों को जवानों ने अपने कब्जे में लिया। अब पहली बार जवानों की मौजूदगी में निडरता के साथ ग्रामीणों ने आजादी का महापर्व स्वतंत्रता दिवस मनाया है। इन इलाकों में जब यहां कैंप खुला तो कई ऐसे ग्रामीण हैं, जिनका आधार कार्ड, राशन कार्ड भी बनवाकर दिया गया है। जिन इलाकों में नक्सलियों ने स्कूलों को तोड़ा था वहां नई स्कूल बनने के बाद अब बच्चे अपने ही गांव में पढ़ाई करने लगे हैं। पुलिस ने इन गांवों में ग्रामीणों का भरोसा जीता है। दंतेवाड़ा का नेरली घाट जिसे एक समय पहले नक्सलियों की घाटी कहा जाता था, यहां पर भी कैंप स्थापित किया गया है। अब यहां रेलवे ट्रैक का काम चल रहा है, इसी इलाके के बासनपुर, झिरका, कमालूर और इसके आस-पास के कुछ इलाकों में नक्सलियों की दहशत कम हुई है। नक्सलियों की घाटी नेरली में बनाए गए कैंप में भी तिरंगा फहराया गया है।
उल्लेखनिय है कि पिछले 6 महीने में पुलिस ने बस्तर संभाग के नक्सल प्रभाावित सभी जिलों में लगभग 140 से ज्यादा नक्सलियों को मुठभेड़ में ढेर किया है, जिसमें नक्सलियों के बड़े कैडर के नक्सली अधिक संख्या में मारे जाने से नक्सली कमजोर पडऩे के साथ ही, नक्सलियों में भय व्यप्त है, जिसके परिणाम स्वरूप सैकड़ों की संख्या में नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने का सिलसिला जारी है, जिसमें लाखों रूपये के ईनामी नक्सली भी शामिल हैं। मुठभेड़ एवं अत्मसमर्पण से नक्सली संगठन पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। इससे नक्सलियों का जिन इलाकों मे प्रभाव कम होता जा रहा उन ईलाकों के ग्रामीण खुलकर प्रशासन से अब स्कूल, सड़क, राशन दुकान बनाने की मांग करने लगे हैं।
बस्तर आईजी सुन्दरराज पी. ने बताया गया कि बस्तर पुलिस एवं क्षेत्र में तैनात सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल द्वारा क्षेत्र की अमन, शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था के लिए शासन के दिशा-निर्देशों तथा स्थानीय प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुये लगातार कार्य किया जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस दिशा में हमारा संकल्प और भी ज्यादा मजबूत हुआ है। बस्तर रेंज के समस्त पुलिस परिवार की ओर से उन्होने सभी नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की है।
नक्सली कमांडर हिड़मा के गृहग्राम पूवर्ती सहित 5 ग्रामों में पहली बार फहराया गया तिरंगा
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