सुकमा के पेंटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का एनक्यूएएस के तहत हुआ मूल्यांकन

सुकमा। जिले के पेंटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लागू नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड्स के तहत मूल्यांकन किया गया। इसके लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर से नामित दो सदस्यीय निरीक्षण टीम पेंटा पहुंची। निरीक्षण टीम ने स्वास्थ्य केंद्र की इमारत, साफ-सफाई, बिजली, पानी और मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया. ओपीडी, आईपीडी, प्रसव कक्ष, टीकाकरण कक्ष, प्रयोगशाला, दवा भंडार, आपातकालीन सेवा, प्रतीक्षालय और शौचालयों की स्थिति को बारीकी से देखा गया। मरीजों के बैठने, पेयजल और प्रकाश व्यवस्था की भी जांच की गई। टीम ने मरीजों को दी जा रही चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता का परखी, इसमें इलाज की प्रक्रिया, समय पर जांच, दवाओं की उपलब्धता, रेफरल सिस्टम और आपातकालीन सेवाओं की तत्परता शामिल रही. नर्सिंग स्टाफ के कार्य, मरीजों से व्यवहार और संक्रमण नियंत्रण उपायों की भी समीक्षा की गई। पेंटा स्वास्थ्य केंद्र का यह मूल्यांकन सुकमा जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान टीम ने मरीजों और उनके परिजनों से सीधे बातचीत कर स्वास्थ्य केंद्र की सेवाओं को लेकर फीडबैक लिया। मरीजों ने इलाज, जांच और स्टाफ के व्यवहार को लेकर अपने अनुभव साझा किए. साथ ही डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कर्मचारियों से भी चर्चा कर उनकी समस्याओं और जरूरतों को समझा गया। नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड्स मानकों के अनुसार बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, हैंड हाइजीन, संक्रमण रोकथाम और मरीज सुरक्षा से जुड़े बिंदुओं का मूल्यांकन किया गया। इसके अलावा मरीज रजिस्टर, दवा स्टॉक, लैब रिपोर्ट, प्रसव रिकॉर्ड सहित अन्य आवश्यक दस्तावेजों का भी सत्यापन किया गया। निरीक्षण के बाद टीम ने कुछ व्यवस्थाओं पर संतोष जताया, वहीं कुछ बिंदुओं पर सुधार के सुझाव भी दिए। टीम ने कहा कि नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड्स प्रमाणन के लिए नियमित निगरानी, स्टाफ का प्रशिक्षण और मरीज-केंद्रित सेवाओं को और मजबूत करना जरूरी है।
नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड्स के नोडल अधिकारी डॉ. मुकेश बक्शी ने कहा कि मूल्यांकन से स्वास्थ्य केंद्र की कमियों और मजबूती की पहचान होती है। दिए गए सुझावों पर प्राथमिकता से काम किया जाएगा, ताकि पेंटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जल्द ही राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक प्रमाणन प्राप्त कर सके। इससे क्षेत्र के ग्रामीण और आदिवासी लोगों को सुरक्षित और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।

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