सौर ऊर्जा से शकुन्तला को मिली आर्थिक आज़ादी, हर माह बचत हो रही 1700, बिजली बिल हुआ शून्य

00 प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना
धमतरी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संचालित प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से देशभर में लाखों परिवार लाभ उठा रहें है। इस योजना का सकारात्मक असर छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में भी देखने को मिल रहा है। नगर गोकुलपुर निवासी श्रीमती शकुन्तला सोनकर ने इस योजना के माध्यम से अपनी छत पर तीन किलोवाट क्षमता का सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित कर आर्थिक स्वतंत्रता की मिसाल पेश की है।
श्रीमती सोनकर ने बताया कि इस संयंत्र की कुल लागत करीब 1 लाख 85 हजार रुपये आई, जिसमें केंद्र सरकार से 78 हजार रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई। इसके साथ ही राज्य सरकार ने भी अतिरिक्त अनुदान रूपए 30 हजार की राहत दी गई है। उन्होंने बताया कि संयंत्र लगने से पहले उनके घर का मासिक बिजली बिल औसतन 1700 से 2000 रुपये तक आता था, जो अब पूरी तरह शून्य हो गया है। इतना ही नहीं, अब उनके बिजली मीटर में लगभग 3 हजार रुपये की अतिरिक्त बिजली भी जमा है।

हर माह बचत हो रही 1700 रुपये बिजली बिल हुआ शून्य
उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि पहले बिजली कटौती या बिल को लेकर बार-बार शिकायतें करनी पड़ती थीं, लेकिन अब सौर ऊर्जा के कारण इन समस्याओं से मुक्ति मिल गई है। वर्ष दिसंबर 2024 में लगवाए गए इस संयंत्र से अब उन्हें निरंतर लाभ प्राप्त हो रहा है। श्रीमती सोनकर ने कहा कि सोलर सिस्टम का रखरखाव भी बेहद आसान है और इसमें कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आता। उन्होंने अन्य उपभोक्ताओं से भी इस योजना से जुड़ने की अपील की है।श्रीमती शकुन्तला सोनकर ने केंद्र और राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से हजारों परिवारों को महंगाई के इस दौर में राहत मिल रही है और हर घर बिजली की बचत के साथ पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रहा है।
अधिक बिजली उत्पादन पर अतिरिक्त आय
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत लगाए गए सोलर रूफटॉप संयंत्र विद्युत ग्रिड से नेट मीटरिंग के माध्यम से जोड़े जाते हैं। इससे उपभोक्ता अपनी आवश्यकता से अधिक बिजली का उत्पादन कर ग्रिड में आपूर्ति कर सकते हैं, जिससे उनका बिजली बिल शून्य होने के साथ-साथ अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकते हैं।इस योजना के तहत एक किलोवाट के संयंत्र पर केंद्र सरकार से 30 हजार रुपये और राज्य सरकार से 15 हजार रुपये मिलाकर कुल 45 हजार रुपये की सब्सिडी प्राप्त होती है। इसी प्रकार दो किलोवाट संयंत्र पर 60 हजार रुपये केंद्र से और 30 हजार रुपये राज्य से मिलाकर कुल 90 हजार रुपये तथा तीन किलोवाट संयंत्र पर 78 हजार रुपये केंद्र से और 30 हजार रुपये राज्य सरकार से मिलाकर कुल 1 लाख 8 हजार रुपये तक की सब्सिडी उपभोक्ताओं को मिल रही है।

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