कोंडागांव। शांति फाउंडेशन ने मानसिक रोग से ठीक हो चुके लोगों को एक नया जीवन देने का प्रयास किया है। मानसिक बीमारी से उभर चुके लोगों को उनका परिवार रखना नहीं चाहता, अब वे अपना जीवन खुद से जी रहे हैं। मानसिक रोग से स्वस्थ हो चुके लोग अब पशु सेवा में जुट गए हैं और गौठान की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। जन्माष्टमी पर सभी ने पशुओं की पूजा की। शांति फाउंडेशन के अधिकारियों के अनुसार ये मानसिक बीमारी से ठीक हो चुके लोग है, जिन्हें अब उनका परिवार और समाज अपनाना नहीं चाहता। ऐसे में भी शांति फाउंडेशन ने उन्हें दूर नहीं किया बल्कि एक बार फिर सहारा देते दूसरे कामों में उनका ध्यान लगाया है।