रसूखदार जमीन माफियाओ पर आदेश के पांच दिन बाद भी कार्यवाही नही , अपने काले कारनामें छुपाने के लिए रसूखदारों ने लिया 31 गरीबो का सहारा , 

रसूखदार जमीन माफियाओ पर आदेश के पांच दिन बाद भी कार्यवाही नही , अपने काले कारनामें छुपाने के लिए रसूखदारों ने लिया 31 गरीबो का सहारा , 

गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही : – नगर पंचायत गौरेला के वार्ड नंबर 14 में जिले का सबसे बड़ा अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण पर कार्यवाही करते हुए पांच दिवश के भीतर पेण्ड्रारोड तहसीलदार ने अतिक्रमण को हटाने आदेश दिया था . लेकिन 5 दिन बीत जाने के बाद भी मामले में किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही होना आदेश की अवहेलना को दर्शाता है .

जबकि अतिक्रमण और अवैध निर्माण पर गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही कलेक्टर ने एसडीएम एवं तहसीलदार को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया था . जिसपर पेण्ड्रारोड तहसीलदार ने उक्त निर्माण को जांच उपरांत अवैध पाते हुए अतिक्रमण को तोड़कर हटाने का आदेश दिया साथ ही अतिक्रमणकारी शांति सोनी पति नत्थू सोनी और भाजपा नेता द्वारिका प्रसाद सोनी पर 10 -10 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया था . जिसपर आज पर्यंत तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की गई है .

जानकारी के लिए बता दे कि ग्राम टिकरकला तहसील पेण्ड्रारोड में खसरा क्रमांक 140/1/क जिसका 1.3310 हेक्टेयर भूमि छत्तीसगढ़ शासन की बड़े झाड़ के जंगल के रूप में राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है . जिस सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा व निर्माणकार्य लगातार कई दशकों से चल रहा है जबकि उक्त ज़मीन बड़े झाड़ के जंगल के रूप में दर्ज है .

मामले में जिन दो लोगो के खिलाफ कार्यवाही का आदेश हो चुका है उन अतिक्रमणकारियों के खिलाफ त्वरित कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है ताकि जिले में नए भवनों कार्यालयों के लिए सराकरी जमीन उपलब्ध हो सके . वही अब इस मामले में गौरेला मंगली बाजार निवासी अशोक सोनी द्वारा अन्य 31 लोगों  के खिलाफ शिकायत की गई है जिसमे जिक्र किया गया है अन्य 31 लोग अवैध रूप से अतिक्रमण किये हुए है . उसे भी मुक्त कराने के लिए कलेक्टर को इस संबंध में आवेदन देकर शिकायत की गई है .

जिला प्रशासन को बिना दबाव मे आये सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करा कर मिसाल पेश करनी चाहिए जिससे भविष्य में शासकीय भूमियों पर कब्जा न हो इस विषय की शिकायत भेंट मुलाकात कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल और राजस्व मंत्री से भी की जा चुकी है अब देखना दिलचस्प होगा कि मामले में प्रशासन अपने ही आदेश का पालन कब करेगा या इन रसूखदारों की कूटनीति के नतमस्तक हो जाएगा .

जिला निर्माण के बाद से लगातार देखा जा रहा है कि शासकीय भूमियों पर कब्जा बड़ी तेजी से बढ़ रहा है वही ऐसे मामलों पर कार्यवाही नही होने से या सुस्त रफ्तार होने से दलालों के भी हौसले बुलंद है .

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