मरवाही वनमंडल बना भ्रष्टाचार का गढ़ एक और नया घोटाला उजागर , फर्जी समिति बनाकर निकाल ली करोड़ो की राशि , वन विभाग के इतिहास में पहली बार दो प्रबंधन समितियों का अध्यक्ष एक व्यक्ति (मूलचंद कोटे ) को बनाया गया
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही : – वन विभाग के इतिहास में शायद यह पहली बार हुआ होगा कि एक ही व्यक्ति को दो दो समितियों का अध्यक्ष मरवाही निवासी मूलचंद कोटे को बनाया गया है जो समिति एवं गांव के बाहर का व्यक्ति है उक्त व्यक्ति के नाम पर करोड़ो की राशि की बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई है
मामला मरवाही वन वनमंडल के मरवाही परिक्षेत्र का है जहाँ रोपणी प्रबंधन समिति चिचगोहना एवं नेचर कैम्प समिति जामवंत माडा गगनई में फर्जी समिति का गठन कर विभिन्न योजनाओं की शासकीय राशि फर्जी तरीके से समिति गठित कर समिति खाते में जमा कराकर शासकीय राशि की हेराफेरी एवं गंभीर वित्तीय अनियामिता के लिए परिक्षेत्र अधिकारी मरवाही एवं दोनों समितियों के सचिव सुनील चौधरी ( वनरक्षक बीट गार्ड मरवाही ) एवं दोनों समितियों के अध्यक्ष मूलचंद कोटे ग्राम मरवाही निवासी द्वारा करोड़ो की राशि का बंदरबांट किया गया है
पंजीकृत समिति को छोड़ फर्जी समिति बनाकर निकाल लिए करोड़ो की राशि : –
उल्लेखनीय है कि ग्राम चिचगोहना में ही पूर्व से ही वन प्रबंधन समिति चिचगोहना गठित है जो शासन से पंजीकृत है चिचगोहना रोपणी भी वन प्रबंधन समिति चिचगोहना के अंतर्गत आता है किंतु शासन के सारे नियम कायदों को ठेंगा दिखाते हुए सुनियोजित तरीके से रोपणी प्रबंधन समिति चिचगोहना का गठन कर करोड़ो की राशि की हेराफेरी करते हुए अधिकारियों को लाभ पहुचाने का कृत्य किया गया है यह समिति शासन से पंजीकृत नही है इससे ऐसा प्रतीत होता है कि वन प्रबंधन चिचगोहना के अध्यक्ष सचिव से तालमेल न बैठ पाने के कारण उक्त फर्जी समिति का गठन कर शासकीय राशि का दुरूपयोग करते हुए फर्जी बिल तैयार कर भारी मात्रा में गोबर खाद की खरीदी एवं परिवहन , वर्मी कंपोस्ट की खरीदी एवं परिवहन उपजाऊ मिट्टी खरीदी एवं परिवहन , रेत परिवहन रासायनिक खाद एवं कीटनाशक आदि की बडे पैमाने पर खरीदी विगत चार वर्षों से की जा रही है जांच के उपरांत घोटाले के कई मामले उजागर होने से इंकार नही किया जा सकता है .
क्या है नियम : –
आपको बता दे कि सक्षम अधिकारी के अनुशंसा एवं आदेश के बिना HDFC बैंक पेण्ड्रारोड के प्रबंधक द्वारा फर्जी समितियों का खाता किन नियमो के तहत खोला गया है . इससे यह साफ परिलाक्षित होता है कि परिक्षेत्र अधिकारी मरवाही एवं फर्जी समिति के अध्यक्ष एवं सचिव के द्वारा संबधित बैंक के कर्मचारियों अधिकारियों से मिलीभगत कर बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता करते हुए करोड़ो रूपये की शासकीय राशि की हेराफेरी कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है जिसमें सम्बंधित बैंक भी पूर्णतः दोषी है .
नियामानुसार जिस ग्राम में भी प्रबंधन समितियों का गठन किया जाता है उसके लिए सम्बंधित ग्राम में ग्राम सभा आयोजित कर सरपंच , सचिव की उपस्थिति में प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को समिति का सदस्य नियुक्त किया जाता है और यही सदस्य सर्वसम्मति से अध्यक्ष एवं सचिव का चुनाव करते है चुनाव उपरांत समिति का पंजीयन जिला उपपंजीयक अधिकारी द्वारा किया जाता है . इसके बाद ही कोई समिति नियमानुसार शासकीय लेनदेन करने के लिए अधिकृत होती है मगर विभाग द्वारा उक्त नियमो को दरकिनार करते हुए इन समितियों का न तो पंजीयन कराया गया न ही ग्राम सभा आयोजित कर अध्यक्ष , सचिव का चुनाव किया गया .
नेचर कैम्प गगनई में भी फर्जी समिति का गठन कर करोड़ो का वारा न्यारा : –
साल्हेकोटा परिसर में पूर्व से ही वनप्रबंधन समिति साल्हेकोटा गठित है तथा यह समिति शासन से पंजीकृत है नेचर केम्प जामवंत माडा गगनई भी इसी वन प्रबंधन समिति के अंतर्गत आता है . इसके बाद भी नेचर कैंप गगनई में , नेचर कैम्प प्रबंधन समिति जामवंत माड़ा गगनई फर्जी तरीके से गठित कर करोड़ो का बंदरबांट किया गया है बता दे कि नेचर केम्प प्रबंधन समिति जामवंत माडा गगनई शासन से पंजीकृत नही है .
उल्लेखनीय है कि वन प्रबंधन समिति साल्हेकोटा के पारित प्रस्ताव के आधार पर ही मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर वृत द्वारा वन प्रबंधन समिति साल्हेकोटा को नेचर केम्प जामवंत माडा गगनई के विकास एवं उन्नयन कार्य हेतु 68.50 लाख चक्रीय निधि की राशि प्रदाय किया गया है .

इस सम्बंध में बिंदुवार विवरण निम्न है : –
1 : – माह जुलाई 2022 में समिति खाते में राशि जमा की गई
2 : – माह सितंबर 2022 में तत्कालीन वनमंडलाधिकारी दिनेश पटेल द्वारा 50 लाख रूपये वन प्रबंधन समिति से फर्जी नेचर कैम्प समिति जामवंत माड़ा गगनई को ट्रांसफर करने के निर्देश दिए गए .
3 : – प्रभारी वनमंडलाधिकारी संजय त्रिपाठी द्वारा माह फरवरी 2022 में राशि आहरण करने की अनुमति दी गई आश्चर्य की बात यह है कि समिति को राशि जुलाई 2022 को प्राप्त हुई किंतु राशि आहरण की अनुमति चार माह पूर्व फरवरी 2022 में ही दे दिया गया था .
4 : – माह सितंबर 2022 से दिसंबर 2022 के बीच फर्जी नेचर कैम्प प्रबंधन समिति जामवंत माड़ा गगनई के सचिव सुनील चौधरी वनरक्षक एवं अध्यक्ष मूलचंद कोटे द्वारा क्रमशः राशि का आहरण कई किस्तों में किया गया .
इस प्रकार समिति खाते में जमा 50 लाख रुपये में से कुल 42.31 लाख रुपये निकाल लिया गया
माह फरवरी 2022 के बाद क्रमशः दो वनमण्डाधिकारी दिनेश पटेल एवं सत्यदेव शर्मा की पदस्थापना छत्तीसगढ़ शासन द्वारा की गई किंतु सचिव सुनील चौधरी वनरक्षक द्वारा इनको विश्वास में न लेकर इन अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने का कृत्य किया गया जो कि निंदनीय है .
गौरतलब है कि वर्तमान में बिदेसी राम बनर्जी साल्हेकोटा का परिसर रक्षक एवं नेचर कैम्प गगनई का प्रभारी भी है तो फिर नेचर कैंप प्रबंधन समिति जामवंत माड़ा गगनई का सचिव सुनील चौधरी वन रक्षक को क्या केवल शासन की राशि की हेराफेरी एवं पैसे की बंदरबांट करने के लिए बनाया गया यह एक यक्ष प्रश्न है .
क्या कहते है अधिकारी : –
उक्त मामले में अनुविभागीय वन दंडाधिकारी SDO ने बताया कि उक्त समिति शासन द्वारा पंजीकृत नही है वही मामले की जांच कर कार्यवाही करने की बात कही गई .
वही मिली जानकारी अनुसार कटघोरा डिवीजन के SDO संजय त्रिपाठी द्वारा पेण्ड्रा SDO को उक्त मामले में दूरभाष के द्वारा मामले की लीपापोती करने के लिए नेचर कैम्प प्रबंधन समिति जामवंत माड़ा गगनई के अध्यक्ष सचिव से राशि वापस करने का शपथ पत्र ( एग्रीमेंट ) जारी कराये जाने की बात कही जा रही थी जिससे यह परिलाक्षित होता है कि संजय त्रिपाठी की भूमिका उक्त मामले में संदिग्ध है .
अब देखने वाली बात यह है कि उक्त गंभीर मामले में उच्चाधिकारी क्या संज्ञान लेते है
मिली जानकारी अनुसार मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों की जा रही है तथा इस गंभीर प्रकरण को छत्तीसगढ़ विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिये उठाए जाने की बात कही जा रही है .