मार्कफेड और धान खरीदी समिति प्रबंधक आमने-सामने, 19 मई को करेंगे धरना-प्रदर्शन

जगदलपुर। शासन द्वारा समर्थन मूल्य धान खरीदी बंद हुए 3 महीने बाद भी धान खरीदी केंद्रों से धान का समय पर उठाव नहीं होने से धान सूखत से धान की कमी को लेकर मार्कफेड और समिति प्रबंधक आमने-सामने आ गए हैं । मार्कफेड सूखत की भरपाई समितियों से कराने की तैयारी में है। वहीं धान खरीदी करने वाले समिति प्रबंधक इसे सूखत का-मामला बता रहे हैं । इस बीच प्रबंधकों के महासंघ ने रायपुर में एक बैठक कर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपते हुए 19 मई को धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया है । संघ का कहना है कि जिन केंद्रों से समय पर परिवहन किया गया, वहां सूखत की ‘समस्या नहीं है। लेकिन कई समितियों में धान तीन महीने तक पड़ा रहा, जिसके कारण सुखती हुई है, इसकी जिम्मेदारी समिति की नहीं है ।
समिति प्रबंधकों के अनुसार कस्टम मिलिंग के तहत इस साल धान का उठाव करने के लिए 40 मिलर्स ने पंजीयन कराया था । मार्कफेड द्वारा मिलर्स को बस्तर जिले में 79 केंद्रों से धान का उठाव किया गया । धान का उठाव होनें के तीन महीने बाद भी जिले के धान खरीदी केंन्द्रो में 2 हजार क्विंटल धान का उठाव नहीं हुआ है । केंद्रों से धान का उठाव हो इसके लिए मार्कफेड के द्वारा कोई विशेष प्रयास भी नहीं किया जा रहा है। वहीं तेज धूप से धान सूखने से सैकड़ों क्विंटल धान की कमी बतायी जा रही है । हालांकि अब तक समितियों का मिलान पूरा नहीं हुआ है । धान के सूखने से नुकसान को लेकर धान खरीदी प्रभारियों को डर सता रहा है । वहीं मार्कफेड समिति प्रबंधको से वसूली की तैयारी कर रही है । इसे लकेर समिति प्रबंधकों द्वारा 19 मई को धरना प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *