करोडो के मनरेगा घोटाले में नियमो को ताक में रखते हुए सभी आरोपियों को अंततः कर दिया गया बहाल ,
करोडो के मनरेगा घोटाले में नियमो को ताक में रखते हुए सभी आरोपियों को अंततः कर दिया गया बहाल ,
गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही : – महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में भारी भ्रष्टाचार एवं अनियमितता पर विधानसभा सत्र में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा बड़ी कार्यवाही करते हुए 15 अधिकारियों-कर्मचारियों को निलंबित करने की घोषणा गई थी वही विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा उक्त मामले की गंभीरता को देखते हुए दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही हेतु थाने में आपराधिक मामला दर्ज करते हुए गबन की गई राशि को वसूल करने की बात कही गई थी . सूत्रों के हवाले प्राप्त सूचना अनुसार निलंबित किये गए 11 वन कर्मियों को मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर द्वारा बहाल कर दिया गया है । तथा बहाली उपरांत वनपालो को क्रमशः
अनूप मिश्रा को बेलपत , अम्बरीष दुबे को मरवाही , उदय तिवारी को खोडरी , सिसोदिया को गौरेला परिक्षेत्र सहायक के रूप के पदस्थ किया गया है वही अश्वनी दुबे वनपाल को विशेष कर्तव्य पेण्ड्रा पदस्थ किया गया है साथ ही निलबिंत किये गए सभी वन रक्षकों को खोडरी एवं पेण्ड्रा परिक्षेत्र के विभिन्न बीटो में पदस्थ किया गया है .
उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना जो केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना है उसपर करोड़ो रुपयों का फर्मो के जरिये फर्जी आहरण करना एक गंभीर अपराध के साथ मनरेगा अधिनियम एक्ट का भी उलग्घन है इसके बाद भी महज निलंबित कर बहाल कर देना शासन की कार्यवाही पर बड़ा सवाल खड़ा करता है . आश्चर्य की बात है कि इतने बड़े करोड़ो के घोटाले में कर्मचारियों की बहाली किस आधार पर की गई यह प्रशासन पर स्वतः एक प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है . ऐसे में तो कर्मचारियों के हौसले और बुलंद हो जाएंगे कि करोड़ो का भ्रष्टाचार करो और निलंबन होकर 45 दिन में बहाल हो जाओ यही खेल अब जंगल विभाग में चलने लगेगा .
इस सम्बद्ध में यह बात भी आलेखित है कि उक्त गंभीर मामले पर माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ में जनहित याचिका लगाई जा चुकी है देखने वाली बात यह होगी कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर के घोटाले में पाए गए दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी .