नक्सल प्रभावित दंतेशपुरम गांव के सैकड़ों ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं की माग हेतु भेज्जी थाना पहुंचे

सुकमा। जिले के भेज्जी थाना क्षेत्र में बुधवार को एक नया और सकारात्मक बदलाव देखने को मिला, जब दंतेशपुरम गांव के सैकड़ों ग्रामीण, युवा और बुजुर्ग थाना पहुंचे, लेकिन विरोध प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि गांव के विकास कार्यों की मांग को लेकर ग्रामीणों ने थाना प्रभारी सलीम खाखा के सामने अपनी समस्याएं रखते हुए सड़क, पुल-पुलिया और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं की मांग करते हुए उन्होंने बताया कि गांव अब भी कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, जिससे रोजमर्रा की जिंदगी में कई तरह की परेशानियां आती हैं। इस घटनाक्रम को प्रशासन और पुलिस ग्रामीणों के बढ़ते विश्वास के रूप में देख रही है। थाना प्रभारी सलीम खाखा ने ग्रामीणों की समस्याएं गंभीरता से सुनीं और उन्हें आश्वासन दिया कि इन मांगों को संबंधित विभागों तक पहुंचाकर जल्द समाधान किया जाएगा। साथ ही उन्होने सुकमा के युवाओं को खेल सामग्री प्रदान किया।
गौरतलब है कि बस्तर संभाग का सुकमा जिला आज भी सबसे अधिक नक्सल प्रभावित माना जाता है, यहां के ग्रामीण कभी पुलिस और प्रशासन से दूरी बनाए रखना आम बात थी, पुलिस और सुरक्षाबलों के कैंप खोलने का विरोध प्रदर्शन करते दिखते थे, वहीं अब हालात बदल रहे हैं। और ग्रामीणअब बुनियादी सुविधाओं की मांग करने के लिए खुलकर आओ आने लगे हैं। सुकमा के ग्रामीणों की मांगों को सुनने के बाद थाना प्रभारी ने युवाओं को खेल सामग्री भी वितरित की, जिससे क्षेत्र में सकारात्मक माहौल बनाने और युवाओं को सही दिशा में प्रेरित करने का संदेश दिया । बस्तर का यह घटनाक्रम दर्शाता है कि अब ग्रामीण पुलिस और प्रशासन पर भरोसा जता रहे हैं, और अपने अधिकारों एवं विकास की मांग को लेकर सीधे संवाद कर रहे हैं। यह बदलाव नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और विकास की ओर बढ़ते कदमों का संकेत देता है।

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