करोड़ो की सूक्ष्म सिंचाई परियोजना चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट , किसानों के खेतों तक नही पहुँचा पानी , योजना का फायदा बताने पहुँचे विधायक से किसानों ने कहा नही मिल रहा लाभ ,


गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही : – करोड़ो की लागत से बने सूक्ष्म सिंचाई परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई करोड़ो रूपये खर्च करने के बाद भी किसान इसका लाभ नही ले पा रहे है चूंकि उक्त योजना का लाभ बाहर से आई कंपनी और अधिकारियों के मिलीभगत का शिकार हो गई .
आपको बता दे कि करोड़ो रूपये खर्च करने के बाद भी रबी सीजन में कई किसानों की सब्जी की फसल बर्बाद हो गई और किसानों को आर्थिक छति पहुँची है . वहीं खरीफ सीजन में सब्जी बर्बाद होने के साथ ही साथ धान की खेती भी काफी पिछड़ गई है . उक्त योजना का फायदा गिनाने पहुंचे मरवाही विधायक से अधिकतर किसानों ने शिकायत किया कि उन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा है .

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी ने इस योजना को स्वीकृत कराया था जो एक साल पहले ही पूरा हुआ है . जहाँ ठेका कंपनी द्वारा घटिया पाइप लगाकर उक्त महत्वाकांक्षी योजना में पलीता लगा रहे है .  ठेका कंपनी महिंद्रा और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध प्रशासन को कार्यवाही कर किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने के उद्देश्य को पूरा करना चाहिए .

मरवाही के पथर्री एवं पोड़ी गांव के 204 किसानों के 450 एकड़ भूमि को ड्रिप सिंचाई के माध्यम से सिंचित करने के लिए जिले में पहला सूक्ष्म सिंचाई परियोजना पायलट प्रोजेक्ट के तहत पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी के द्वारा वर्ष 2019 में स्वीकृत कराया गया था .  सोन नदी में बने परासी एनीकट से इन गांवों की ऊंचाई अधिक होने के कारण एनीकट के पानी से सिंचाई का लाभ किसानों को नहीं मिल पाता है .  इसलिए 450 एकड़ खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई योजना स्वीकृत कराई गई थी .

इस योजना के तहत एनीकट में 105 एचपी का पंप लगाकर खेतों में भूमिगत पाईप लाईन से ड्रिप से निशुल्क पानी दिया जाना है . इस योजना के पूर्ण होने के कारण किसानों बड़े स्तर पर रबी सीजन में सब्जी लगा लिया था लेकिन ठेका कंपनी महिंद्रा ग्रुप और सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण एनीकट से करीब वाले 25-30 किसानों से ज्यादा किसी भी किसान के खेत में पानी नहीं पहुंच पाया जिससे किसानों की मेहनत बर्बाद हो गई और उन्हें लाखों रूपये का घाटा हुआ .  यही स्थिति खरीफ सीजन में भी है जहां एक ओर सब्जी वाले किसान नुकसान उठा रहे हैं वहीं समय पर धान की खेती नहीं कर पाए .  जबकि 5 साल तक ठेका कंपनी को पूरा मेंटनेस करना है वही कंपनी द्वारा बिछाए गए पाइपलाइन की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि जगह जगह से पाइपलाइन एवं वाल्व टूट गए हैं .

किसानों ने विधायक और अधिकारियों से कहा कि नहीं मिल रहा पानी

पथर्री गांव के दौरे पर पहुंचे मरवाही विधायक डॉ केके ध्रुव ने जब किसानों से कहा कि इस योजना का लाभ सभी को मिल रहा है तो ग्राम पथर्री के किसान जगन्नाथ सिंह गोंड़, कोमल सिंह, देव सिंह गोंड़, हरिदयाल प्रजापति, दादू वाकरे, लाल सिंह, धर्म सिंह, इतवारा बाई सहित अनेक किसान बोले कि उनके खेत तक पानी नहीं पहुंच रहा है जिससे उन्हें सब्जी में बहुत घाटा उठाना पड़ा और धान की खेती भी समय पर नहीं कर पाये .  है .

वही अपनी नाकामी छिपाने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारी और ठेका कम्पनी ने चालाकी करते हुए मरवाही विधायक डॉ केके ध्रुव जी को पथर्री गांव के किसान शिवनायक सिंह के उस खेत में लगे सब्जी फसल को दिखाकर वाहवाही बटोरने का प्रयास किया जिस खेत में शिवनायक अपने निजी सिंचाई साधन कुआं पम्प, सोलर पंप और बिजली से चलने वाले ट्यूबवेल 3 साधनों से सिंचाई करता है .

कर्ज में डूबने के अफवाह से गांव वाले योजना के विरोध में थे, जोगी की समझाइस पर माने थे

इस योजना की स्वीकृति के बाद पथर्री एवं पोड़ी गांव में किसी ने अफवाह फैला दिया था कि इस योजना से किसान कर्जदार हो जाएंगे जिसके कारण किसान काम शुरू नहीं होने दे रहे थे . जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी पथर्री एवं पोड़ी गांव पहुंचकर ग्रामीणों की बैठक ले उन्हें समझाया था कि इस योजना से निशुल्क पानी मिलेगा, कोई भी किसान कर्जदार नहीं होगा बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी तब  परियोजना का कार्य प्रारंभ हो पाया था .

सभी किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने की कोशिश करेंगे – एसडीओ

सिंचाई विभाग मरवाही के एसडीओ जेएल एक्का ने स्वीकार किया कि सभी किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि सभी खेतों तक पानी पहुंचाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि निविदा की शर्त के अनुसार ठेका कंपनी द्वारा 5 साल तक इस योजना का मेंटेनेंस भी किया जाएगा।

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