ब्रिटिश कालीन जुगानी पुल धान-मक्के की फसल सुखाने नई भूमिका निभा रहा

कोंडागांव। जिले के फरसगांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर स्थित जुगानी का ब्रिटिश कालीन पुल आज भी मजबूती से खड़ा है। लगभग सौ वर्ष पूर्व अंग्रेजों द्वारा निर्मित यह पुल अब अपनी गुणवत्ता और इंजीनियरिंग का प्रमाण दे रहा है। सुरक्षा कारणों से इस पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है, लेकिन इसका ढांचा अक्षुण्ण है।
ग्रामीण बताते हैं कि इतने वर्षों बाद भी पुल में न कोई दरार आई है और न ही ढहने के कोई संकेत दिखे हैं। यह स्थिति तब है जब आधुनिक युग में बने कई पुल और सड़कें कुछ ही वर्षों में जर्जर हो जाती हैं। वर्तमान में यह ऐतिहासिक पुल एक नई भूमिका निभा रहा है। स्थानीय ग्रामीण अब यहां अपने धान और मक्के की फसल सुखाने के लिए इस मजबूत ढांचे का उपयोग कर रहे हैं। पुल की सपाट सतह और खुला वातावरण इसे किसानों के लिए एक आदर्श फसल सुखाने का स्थल बनाता है। स्थानीय बुजुर्गों के अनुसार, यह पुल ब्रिटिश इंजीनियरिंग की गुणवत्ता और दीर्घायु का एक जीवंत उदाहरण है। उनका कहना है कि यह पुल उस दौर की निर्माण तकनीक की टिकाऊपन की याद दिलाता है, जब आज के नए पुल कुछ ही सालों में खराब हो जाते हैं।










